शुक्रवार को, विकास खंड बिचपुरी स्थित कार्यालय पर आयोजित इस अभियान में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के साथ-साथ समुदायिक केंद्र की महिलाओं ने भी भाग लिया। इस दौरान मेडिकल इंटर्न्स ने नुक्कड़ नाटक और पोस्टर्स के माध्यम से माहवारी (मासिक धर्म) से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस दौरान महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है और साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार लेने की भी सलाह दी।
इस अभियान में महिलाओं ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी शंकाओं का समाधान किया और मासिक धर्म से जुड़ी गलत धारणाओं को खत्म करने के लिए सवाल किए। इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दे पर जागरूक करना और उन्हें सही जानकारी प्रदान करना था।
निशुल्क सेनेटरी पैकेट्स का वितरण
आकांक्षा समिति ने लड़मदा स्थित सेनेटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरिंग इकाई से निर्मित 200 सेनेटरी पैकेट्स को महिलाओं में निशुल्क वितरित किया। इस पहल के माध्यम से महिलाएं मासिक धर्म के दौरान स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकेंगी और स्वच्छता बनाए रखने में सक्षम हो सकेंगी।
इस अभियान में आकांक्षा समिति की सचिव सुभाषिणी पालीवाल, रेणुका डैंग, और सरोज प्रशांत ने महिलाओं को उचित पौष्टिक आहार और नैपकिन्स के उचित प्रयोग के महत्व के बारे में जानकारी दी। परियोजना निदेशक रेणु कुमार ने महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के लिए सही साधन प्रयोग करने का महत्व समझाया।
मेडिकल कॉलेज का सहयोग
इस जागरूकता अभियान में एस.एन. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। डॉ. रेणु अग्रवाल, डॉ. पुरनूर कौर, और डॉ. प्रतिभा सिंह ने अपनी विशेषज्ञता से महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान सावधानियों और स्वास्थ्य के उपायों के बारे में बताया।
आखिरकार, इस जागरूकता अभियान का उद्देश्य था कि महिलाएं मासिक धर्म के दौरान अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का खास ध्यान रखें। इसे लेकर भ्रांतियों को समाप्त कर सही और वैज्ञानिक जानकारी से उन्हें सशक्त बनाया जाए। महिलाओं को यह समझाने की कोशिश की गई कि यह प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसका सही तरीके से ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
इस अभियान में आकांक्षा समिति के सदस्यों और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की सक्रिय भागीदारी ने इस पहल को सफल बनाया और स्थानीय महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।