लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश को आखिरकार अपना नया पुलिस प्रमुख मिल गया है। शनिवार शाम राज्य सरकार ने राजीव कृष्ण को प्रदेश का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त कर दिया है। यह लगातार पांचवीं बार है जब उत्तर प्रदेश को कार्यवाहक डीजीपी मिला है। उनकी नियुक्ति को लेकर पिछले काफी समय से अटकलें चल रही थीं, जिस पर अब विराम लग गया है।
आगरा से पुराना संबंध: एसएसपी और एडीजी रहे हैं राजीव कृष्ण
राजीव कृष्ण, जो 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, का आगरा से एक पुराना और गहरा नाता रहा है। वे अपने करियर में आगरा में दो महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। वह आगरा के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) भी रहे हैं, जहां उन्होंने जिले की कानून व्यवस्था को संभाला था। इसके बाद, उन्हें आगरा जोन का एडीजी (अपर पुलिस महानिदेशक) भी नियुक्त किया गया था। आगरा में उनकी तैनाती के दौरान उनकी कार्यशैली और प्रभावी निर्णय लेने की क्षमता की खूब सराहना की गई थी।
सीएम योगी के भरोसेमंद अधिकारी
मूल रूप से नोएडा के निवासी राजीव कृष्ण की छवि एक कर्मठ और प्रभावशाली अधिकारी की है। वर्तमान में वे डीजी इंटेलिजेंस और पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन जैसे दो अहम जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उन पर गहरा भरोसा है, खासकर पुलिस भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के बाद उन्हें दी गई जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के कारण उनका विश्वास और बढ़ा है।
स्थाई डीजीपी बनने का इंतजार
आईपीएस राजीव कृष्ण यूपी पुलिस अफसरों की कैडर लिस्ट में 12वें नंबर पर हैं, जिसके चलते संघ लोक सेवा आयोग से उन्हें स्थाई डीजीपी के रूप में तत्काल मान्यता नहीं मिल पाएगी। उन्हें स्थाई नियुक्ति के लिए मार्च तक इंतजार करना पड़ सकता है, जब कुछ वरिष्ठ अधिकारी रिटायर होंगे।
राजीव कृष्ण का आगरा से पुराना संबंध होने के कारण, उनकी इस नई और बड़ी जिम्मेदारी से आगरा के पुलिस अधिकारियों और निवासियों में भी उत्सुकता है।