बीस साल पहले हुआ था प्यार
सोनम का नाम आयशा में बदलने के पीछे एक लंबी प्रेम कहानी है। लगभग बीस साल पहले सोनम की मुलाकात मोहम्मद आरिफ हमीद से हुई थी, जो कटरा इतवारी खां के निवासी हैं। दोनों के बीच प्यार हुआ और सोनम ने परिवार और समाज के दबावों को दरकिनार कर आरिफ से निकाह किया। इसके लिए उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और सोनम से आयशा बन गई।
शादी के बाद का बदलता व्यवहार
आयशा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि शादी के बाद से ही उसके पति के व्यवहार में बदलाव आ गया था। पति ने शादी के तुरंत बाद दहेज की मांग शुरू कर दी, जो उसे बहुत परेशान करता था। हालांकि, आयशा ने इस सब को सहा क्योंकि उसने खुद ही आरिफ से शादी का फैसला लिया था। तीन बच्चों की मां होने के बावजूद उसने अपना सब कुछ संभालने की कोशिश की ताकि उसका परिवार टूटे नहीं।
मारपीट और तीन तलाक का शिकार बनी आयशा
आयशा ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि समय के साथ आरिफ का व्यवहार और भी खराब हो गया। उसने उसे मारपीट करनी शुरू कर दी थी, लेकिन वह सब सहने की कोशिश करती रही। अक्तूबर माह के अंतिम सप्ताह में एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने आयशा की सारी सहनशीलता को तोड़ दिया। आयशा के मुताबिक, उस समय आरिफ ने बुरी तरह से उसे पीटा क्योंकि वह अपने पिता की संपत्ति को उसके नाम नहीं करने को तैयार थी। मारपीट के दौरान आरिफ ने उसे तीन तलाक बोल दिया और घर से बाहर निकाल दिया।
सड़क पर आई आयशा
तीन तलाक के बाद आयशा अपनी दुखभरी स्थिति में अपने मायके पहुंची और पूरी घटना अपने परिजनों को बताई। इस घटना के लगभग ढाई महीने बाद अब जाकर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। आयशा के मुताबिक, उसने सब कुछ सहा लेकिन अब उसे न्याय की आवश्यकता है।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने आरोपी पति मोहम्मद आरिफ के खिलाफ जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कदम उठाए जाएंगे।
दहेज और तीन तलाक की समस्या
यह घटना समाज में फैली दहेज और तीन तलाक की कुप्रथाओं को उजागर करती है। आयशा के साथ हुई यह घटना न सिर्फ उसकी निजी जिंदगी की दुखद कहानी है, बल्कि यह उन महिलाओं की समस्याओं को भी सामने लाती है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ने में मजबूर हैं।
आयशा को न्याय दिलाने के लिए अब पुलिस से लेकर समाज तक की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस घटना को लेकर जागरूकता फैलाएं। दहेज प्रथा और तीन तलाक जैसी समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है ताकि आने वाली पीढ़ियों को इस दर्द से बचाया जा सके। पुलिस और समाज को इस मामले में तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।