सुमित गर्ग अग्रभारत,
‘किसानों को खेती के अलावा पूरक आय को सुरक्षित करने के लिए खुद को मधुमक्खी उद्यमी के रूप में विकसित करना चाहिए।’
खेरागढ़-किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए दो दिन के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आय बढ़ सके इसके लिए मधुमक्खी पालन हेतु विभिन्न तरीकों की जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
नेशनल बोर्ड की कार्यदायी संस्था बालियान खादी ग्रामोद्योग के तत्वाधान में खेरागढ़ क्षेत्र के गांव नगला कमाल में एक निजी गेस्ट हाउस में मधुमक्खी पालन पर दो दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर के माध्यम से क्षेत्र के ग्रामीणों को जागरूक किया गया उन्हें मधुमक्खी पालन के लिए विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराई गई। यह शिविर दो दिन तक चलने वाला है प्रथम दिवस बुधवार के कार्यक्रम में इंट्रीगेटिड हनी फैड फार्मर प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड के सीईओ आकाश पचौरी ने उपस्थित होकर कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश के किसान ग्रामीण विभिन्न तरीकों से अपनी आय सुलभ करके आर्थिक मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
वहीं डिवाइन इंटरनेशनल फाऊंडेशन से अतुल ने बताया कि खेती-बाड़ी के अलावा भी किसान ग्रामीण मधुमक्खी पालन से भी अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं। लखनऊ से पधारे नेफेड के नोडल अधिकारी अक्षय कुमार ने इस मौके पर बताया कि की मधुमक्खी पालन किसानों व ग्रामीणों के लिए एक बहुत उपयोगी साधन है इस अवसर पर नेशनल बी बोर्ड की कार्यदायी संस्था बालियान खादी ग्रामोद्योग के प्रशिक्षक व विशेषज्ञ व क्षेत्र के किसान व ग्रामीण मौजूद रहे। दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत यह शिविर 30 नवंबर गुरुवार को भी आयोजित होगा।