आगरा: यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), आगरा ने आज ऑल टीचर्स इम्प्लॉई वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के साथ मिलकर “काला दिवस” कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) और उत्तर प्रदेश पेंशन योजना (यूपीएस) के खिलाफ विरोध स्वरूप मनाया गया।
कार्यक्रम का विवरण
कार्यक्रम में शिक्षक और कर्मचारी अपने-अपने कार्यस्थलों पर काली पट्टी बांधकर कार्य करते हुए प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके बाद अपरान्ह 3:30 बजे कलेक्ट्रेट परिसर में एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया, जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित किया गया। ज्ञापन में पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग की गई, जिससे शिक्षक और कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
यूटा का स्पष्ट बयान
यूटा के जिला महामंत्री देवेन्द्र कुमार कुशवाह ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में यूटा ने अपने सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को भाग लेने के लिए निर्देशित किया था और पूरी तरह से इस मुद्दे पर समर्थन व्यक्त किया है।
अटेवा के साथ एकजुटता का प्रदर्शन
यूटा ने अटेवा के संघर्ष में पूर्ण समर्थन और सहयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। यूटा और अटेवा दोनों संगठनों ने इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए एकजुटता प्रदर्शित करने का संकल्प लिया है और इसे आगे बढ़ाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने का निर्णय लिया है।
कार्यक्रम में प्रमुख नेता और सदस्य
इस अवसर पर यूटा के जिला अध्यक्ष राज कुमार सोलंकी, जिला महामंत्री देवेन्द्र कुमार कुशवाह, जिला प्रवक्ता दुर्गेश लवानियां, जिला कोषाध्यक्ष अजीत सिंह, अटेवा के जिला संयोजक जुग्गीलाल वर्मा, जिला महामंत्री लेखराज कुशवाह, प्रदेश उपाध्यक्ष आशाराम यादव, चमन रस्तोगी, प्रमोद कुमार यादव, प्रेम किशोर प्रेमी, भूपेंद्र सिंह सहित अनेक शिक्षक, कर्मचारी, पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।
संदेश और भविष्य की योजनाएँ
यूटा और अटेवा ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली से शिक्षकों और कर्मचारियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, और यह उनके भविष्य को सुरक्षित करेगा। दोनों संगठनों ने इस संघर्ष को आगे भी जारी रखने का संकल्प लिया है और इसे एक राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने की योजना बनाई है।