एटा (अलीगंज): अलीगंज के 132 केवीए विद्युत स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब पुराने बिजली उपकरणों से कॉपर और एल्युमीनियम निकालने और उसे एक जूनियर इंजीनियर (जेई) की गाड़ी में रखने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। मामला जब उच्चाधिकारियों तक पहुंचा, तो उन्होंने तत्काल जांच के आदेश दिए।
जानकारी के अनुसार, वायरल वीडियो में कुछ कर्मचारियों को विद्युत स्टेशन पर रखे पुराने और निष्प्रयोज्य उपकरणों से कॉपर और एल्युमीनियम निकालते हुए स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति भी फ्रेम में दिख रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में अलीगंज विद्युत स्टेशन के जेई अमित कुमार भी मौके पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं। इसके बाद, निकाले गए कॉपर और एल्युमीनियम से भरी बोरियों को जेई की निजी गाड़ी, जिसका नंबर यूके 17 एफ 9049 है, में रखा जा रहा है। यह सामान कहां ले जाया जा रहा था, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आ पाई है। हालांकि, अग्र भारत समाचार पत्र इस वायरल वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।
वायरल वीडियो के संबंध में, एटा के अधिशासी अभियंता (ट्रांसमिशन) राजेन्द्र कुमार ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए गंगनपुर के उपखंड अधिकारी (एसडीओ) आशीष कुमार को अलीगंज भेजा। एसडीओ आशीष कुमार ने गुरुवार को अलीगंज विद्युत स्टेशन पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। स्टेशन पर मौजूद कर्मचारियों के अनुसार, जांच के दौरान एसडीओ ने सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिए थे। जब मीडिया ने एसडीओ आशीष कुमार से जांच के बारे में जानकारी चाही, तो उन्होंने बताया कि वह अपनी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपेंगे।
जेई का अजीबोगरीब बयान
इस पूरे मामले पर अलीगंज 132 केवीए विद्युत स्टेशन के जेई अमित कुमार का एक हैरान करने वाला बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि उनकी गाड़ी की चाबी चोरी हो गई थी और किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी गैरमौजूदगी में गाड़ी में सामान की बोरियां रख दी थीं। हालांकि, जेई के इस बयान पर कई सवाल उठते हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि उनकी गाड़ी की चाबी चोरी हो गई थी, तो उन्होंने इसकी सूचना तत्काल पुलिस को क्यों नहीं दी? इसके अलावा, वायरल वीडियो में जेई को उस समय स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है जब कर्मचारी उपकरणों से कॉपर और एल्युमीनियम निकाल रहे थे। उनकी मौजूदगी में इस प्रकार की गतिविधि होना कई संदेहों को जन्म देता है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि एसडीओ आशीष कुमार अपनी जांच रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष निकालते हैं और इस पूरे मामले में उच्चाधिकारियों द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है। वायरल वीडियो और जेई के विरोधाभासी बयान ने विद्युत विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।