अलीगंज, एटा। अलीगंज स्थित गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज में बनाई जा रही दुकानों के आवंटन में करोड़ों रुपये के बड़े खेल का आरोप लग रहा है। स्कूल की भूमि पर बड़ी संख्या में दुकानों का निर्माण कार्य चल रहा है, और दर्जनों दुकानें पहले ही 99 साल के लिए ‘पगड़ी’ पर दी जा चुकी हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन दुकानों को किराये पर देने के लिए शासनादेश के अनुसार 3 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ये दुकानें 18 से 25 लाख रुपये में पगड़ी पर दी जा रही हैं।
नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार के आरोप
नागरिकों का कहना है कि दुकानों का आवंटन लॉटरी सिस्टम के तहत किया जाना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके और पारदर्शिता बनी रहे। हालांकि, जिस तरह से दुकानें अत्यधिक दरों पर दी जा रही हैं, उससे स्पष्ट रूप से अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की आशंका बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत, अब कार्रवाई का इंतजार
सूत्रों से पता चला है कि इन दुकानों के संबंध में मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंच चुकी है। शिकायतकर्ता, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया, का कहना है कि उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री को यह शिकायत भेजी है। उनका आरोप है कि “आय वृद्धि योजना से स्कूल को तो कम, बल्कि प्रबंधक को ज्यादा फायदा हो रहा है।” अब देखना यह होगा कि इस गंभीर मामले में क्या कार्यवाही होती है।
शासनादेश और वास्तविकता में बड़ा अंतर
यह दुकानें अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों की आय वृद्धि योजना के तहत शासनादेश संख्या 623/15.09.2023 और जिलाधिकारी एटा के कार्यालय पत्रांक मा0/अनुमति/479-485/2024-25 दिनांक 14.05.2024 के क्रम में बनाई गई हैं। इन दुकानों को बनाने का मुख्य उद्देश्य विद्यालय की आय बढ़ाना और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना था। लेकिन जिस तरह से निर्धारित राशि से कई गुना ज्यादा में इन दुकानों को बेचा जा रहा है, वह इस योजना के मूल उद्देश्य को ही खत्म कर रहा है।
स्थान के अनुसार तय हो रही ‘पगड़ी’ की कीमत
सूत्रों के अनुसार, दुकानों की कीमत उनकी लोकेशन के आधार पर तय की जा रही है। नगला पड़ाव-बाजार वाले रास्ते पर बनी दुकानों के लिए 18 से 20 लाख रुपये के रेट निर्धारित किए गए हैं, जबकि कायमगंज-डाक बंगला मार्ग पर बनी दुकानों के लिए 25 लाख रुपये तक बताए जा रहे हैं।
Vo sahi bana rahe hai tum logo ka ye bhokna laga rahega
Cm bhi kuchh nhi karenge ha ha ha ch_ti-ya log