अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले की पुलिस एक बार फिर विवादों में घिर गई है। पहले पब्लिक को पीटने और फिर पीआरडी जवान को धमकाने के मामलों के बाद, अब जिले की पुलिस का एक और शर्मनाक चेहरा सामने आया है। एक सिपाही का सरे राह, पुलिस चौकी के ठीक सामने एक महिला से खुलेआम रिश्वत मांगने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रिश्वत मांगने वाले सिपाही को निलंबित कर दिया है, वहीं संबंधित चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
वायरल वीडियो इब्राहिमपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एनटीपीसी पुलिस चौकी का बताया जा रहा है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस चौकी के सामने ही एक वर्दीधारी सिपाही एक महिला से रिश्वत की रकम को लेकर बातचीत कर रहा है। वीडियो में पीड़ित महिला घूस की रकम कम करने के लिए सिपाही से गिड़गिड़ाती हुई नजर आ रही है।
“साहब मैं गरीब महिला हूं… दस हजार कहां से दूंगी?”
वायरल वीडियो में महिला को सिपाही से कहते हुए सुना जा सकता है, “साहब मैं गरीब महिला हूं। दस हजार कहां से दूंगी?” वह आगे कहती है, “छेगड़ी-बकरी बेच के पैसा लाई हूं। पांच हजार ले लीजिए। अभी इतना बड़ा आप्रेशन कराई हूं, दया करिए।” इस पर रिश्वत मांग रहा सिपाही बड़े ही निर्दयता से कहता है, “इतना बड़ी चोरी है। हमको दया करना होता तो यहीं से छोड़ देते। अभी हमको चोर बना देंगे।”
आरोपी सिपाही निलंबित, चौकी प्रभारी लाइन हाजिर
इस शर्मनाक घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अंबेडकरनगर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही, घटना के समय चौकी पर तैनात प्रभारी को भी लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि फरीदपुर गांव के निवासी शेषमणि वर्मा के खेत से गेहूं चोरी हो गया था। इस मामले में पड़ोसी गांव शेख चिक निवासी विपिन पर चोरी का शक गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विपिन हिस्ट्रीशीटर भी है। आरोप है कि पुलिस ने विपिन को जेल भेजने की धमकी दी और फिर मामले को रफा-दफा करने के नाम पर लेन-देन का खेल शुरू किया। पुलिस ने कथित तौर पर दस हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। लेकिन, विपिन के परिवार वालों ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए पांच हजार रुपये देने की पेशकश की। इसके बाद भी पुलिस ने विपिन के खिलाफ शांति भंग की आशंका में चालान कर दिया।
अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि घटना की गहन जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह घटना एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। आम जनता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाने वाली पुलिस का इस तरह से सरे राह रिश्वत मांगना अत्यंत निंदनीय है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई स्वागत योग्य है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।