आगरा में दस वर्षीय बालक से अप्राकृतिक कृत्य के आरोपी को दस वर्ष की सजा और 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी ठहराया।
आगरा। जिले के थाना ताजगंज क्षेत्र में दस वर्षीय बालक से अप्राकृतिक कृत्य के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, दिनेश कुमार चौरसिया ने आरोपी को दस वर्ष की सजा और 12,000 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
यह मामला 5 मई 2015 का है, जब वादी मुकदमा का छोटा भाई लखनऊ में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत था और अपनी बीमार मां को देखने के लिए आगरा आया था। वह स्विफ्ट डिजायर कार ड्राइवर सुशील कुमार यादव (पुत्र भीम शंकर यादव) के साथ आगरा आया था। आरोपित ने 6 मई 2015 की सुबह, 11 बजे, पीड़ित बालक को चॉकलेट दिलाने के बहाने कार में बैठाया और उसे पंचवटी पाश्र्वनाथ के मैदान में ले जाकर अप्राकृतिक कृत्य किया। इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को घर के पास छोड़ दिया और मौके से फरार हो गया।
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी सतेंद्र प्रताप गौतम ने वादी मुकदमा, पीड़ित और अन्य गवाहों को अदालत में पेश किया। अदालत ने साक्ष्यों और एडीजीसी के तर्कों पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी ठहराया और उसे दस वर्ष की सजा और 12,000 रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया।
इस निर्णय से पीड़ित को न्याय मिला है, और इस मामले में अदालत ने एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा की आवश्यकता को स्पष्ट किया है।