आगरा: उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के निवर्तमान चेयरमैन श्री अशफाक सैफी ने आगरा में बसंत पर्व के आयोजन को टूरिज्म विभाग के ‘ईवेंट कलेंडर’ में शामिल करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने आगरा मेट्रो स्टेशन का नाम महान शायर नजीर अकबराबादी के नाम पर रखने का भी अनुरोध किया।
नजीर अकबराबादी की पहचान और उनका योगदान
श्री अशफाक सैफी ने कहा कि नजीर अकबराबादी (वली मुहम्मद) का साहित्य केवल अल्पसंख्यक समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका योगदान पूरे बृज क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने में रहा है। उनका लिट्रेचर सभी धर्मों और समाज के लोगों के लिए जीवन जीने की उम्मीद और सामंजस्य का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि नजीर अकबराबादी का कार्य और उनकी नज्में लोगों को एकजुट करती हैं, और उनके योगदान को नई पीढ़ी के बीच सही तरीके से प्रचारित करना बेहद जरूरी है।
नजीर अकबराबादी की मजार और आसपास का क्षेत्र हो स्वच्छ और हरा-भरा
सैफी ने यह भी सुझाव दिया कि नजीर अकबराबादी की मजार स्थित मलको गली (ताजगंज) और आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ और हरा-भरा किया जाए, जिससे न केवल उनके योगदान को याद किया जा सके, बल्कि यह स्थल आगरा के पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बने। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थल के आसपास एक सूचना बोर्ड और साइनेज लगाए जाएं, ताकि पर्यटकों को नजीर अकबराबादी के बारे में जानकारी मिल सके।
मेट्रो स्टेशन का नाम नजीर अकबराबादी के नाम पर रखने की मांग
सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सचिव श्री अनिल शर्मा ने बताया कि सोसायटी ने पहले ही आगरा मेट्रो प्रशासन से एक स्टेशन का नाम नजीर अकबराबादी के नाम पर रखने की मांग की है। उनका मानना है कि यह कदम न केवल नजीर अकबराबादी की पहचान को सहेजने में मदद करेगा, बल्कि आगरा को एक ऐतिहासिक पहचान भी मिलेगी।
बसंत पर्व को टूरिज्म कैलेंडर में शामिल करने की अपील
श्री शर्मा ने यह भी कहा कि सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की मांग है कि टूरिज्म डिपार्टमेंट बसंत पंचमी को अपने इवेंट कैलेंडर में शामिल करे, जो बृज मंडल के गांव-गांव में सामुदायिक रूप से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बसंत पर्व नजीर अकबराबादी के जन्म दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, और इसे पर्यटन के एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में प्रमोट किया जाना चाहिए।
बसंत पर्व का ऐतिहासिक आयोजन
दो दशकों तक नगर निगम आगरा के द्वारा नजीर अकबराबादी की मजार पर बसंत पर्व का बड़ा आयोजन किया जाता था, लेकिन अब यह परंपरा सिविल सोसायटी ऑफ आगरा, शीरोज हैंगआउट और हार्मनी ग्रुप द्वारा बनाए रखी जा रही है। हालांकि, अब भी एक बड़े स्तर पर इस पर्व के आयोजन की जरूरत महसूस हो रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसे जान सकें और इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पर्व का हिस्सा बन सकें।
सिविल सोसायटी द्वारा अनुरोध पत्र
इस अवसर पर सिविल सोसायटी ऑफ आगरा की ओर से श्री अशफाक सैफी को एक अनुरोध पत्र सौंपा गया, जिसमें नजीर अकबराबादी की मजार के आसपास के क्षेत्र की सफाई, साइनेज और सूचना पट लगाने, और बसंत पर्व को टूरिज्म डिपार्टमेंट के कैलेंडर में शामिल करने की अपील की गई। श्री सैफी ने बताया कि इस सुझाव के पत्र को उनके पास पहले ही श्री सयद शाहीन हाशमी और श्री आरिफ तैमूरी द्वारा भेजा जा चुका है।
सैफी से मुलाकात करने वाले प्रमुख लोग
श्री अशफाक सैफी से मुलाकात करने वालों में सिविल सोसायटी ऑफ आगरा के सचिव श्री अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना, असलम सलीमी, और अन्य लोग शामिल थे।
नजीर अकबराबादी का योगदान और बसंत पर्व की महत्ता
नजीर अकबराबादी का साहित्य बृज क्षेत्र की संस्कृति और समाज को समृद्ध करता है, और उनका योगदान एक अमूल्य धरोहर के रूप में संजोया जाना चाहिए। बसंत पर्व, जो बृज मंडल के हर गांव में मनाया जाता है, नजीर अकबराबादी के साथ जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम है। इसे टूरिज्म कैलेंडर में शामिल करके आगरा को एक नया पर्यटन आयाम दिया जा सकता है।