बिना जांच मुकदमा, फिर सौदेबाज़ी—मिढ़ाकुर चौकी पर भ्रष्टाचार के खेल की निष्पक्ष जांच की मांग
आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति और पुलिस कमिश्नर की “पुलिस शिष्टाचार” की हिदायतों के बावजूद, आगरा पुलिस के किरावली थाना क्षेत्र की मिढ़ाकुर चौकी से पुलिस विभाग की साख को बट्टा लगाने वाला मामला सामने आया है।
एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक सिपाही, एक आरोपी से मुकदमे में नाम निकालने के एवज में 25 हजार रुपए रिश्वत मांगता सुनाई दे रहा है।इस गंभीर मामले की शिकायत पुलिस उपायुक्त पश्चिम जोन अतुल शर्मा से की गई, जिन्होंने जांच के आदेश दिए है।
गांव सहारा निवासी राहुल और सोनू ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया कि 28 अप्रैल को थाना किरावली में 3:06 बजे मारपीट के दर्ज अभियोग में उन्हें झूठा फंसा दिया गया। उनका दावा है कि घटना के वक्त वे मिढ़ाकुर चौकी में ही मौजूद थे। इसके बावजूद सिपाही प्रवेश चौधरी ने नाम हटवाने के लिए 25 हजार रुपए की मांग की और बाद में सौदा 10 हजार रुपए में तय हुआ।वायरल ऑडियो में सिपाही की आवाज़ में यह कहते सुना गया है: “सीओ ऑफिस तक रुपये देने पड़ते हैं, नाम निकलवाने का खर्चा ही चार से पांच हजार आता है।
वहीं, डीसीपी पश्चिम अतुल शर्मा ने कहा है कि मामले की जांच कराई जा रही है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस रिश्वत के आरोपों से एक बार फिर चौकियों पर जारी भ्रष्टाचार का चेहरा उजागर हुआ है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, क्योंकि इस तरह की सौदेबाज़ी में और भी नाम सामने आ सकते हैं।