आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन परिषदीय विद्यालयों में सरकार द्वारा सुधार के तमाम प्रयासों के बीच, जिन जिम्मेदारों पर इनको संवारने का जिम्मा है, उन्हीं के द्वारा अपनी मनमानी को अंजाम देते हुए पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही।
बताया जाता है कि विकास खंड खंदौली क्षेत्र अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय खांडा की प्रधानाध्यापिका अनुराधा सेंगर द्वारा विद्यालय में की जा रही अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ सहायक अध्यापकों ने मुखर होकर मोर्चा खोल दिया था। प्रधानाध्यापिका की तानाशाही को लेकर लामबंद हुए सहायक अध्यापकों रोशनी राजौरिया, उमा राठोर, अनुराधा राठौर, विवेक कुमार द्वारा सामूहिक रूप से आईजीआरएस पोर्टल सहित विभागीय अधिकारियों को शिकायत प्रेषित की गई थी। शिकायत का संज्ञान लेकर खंड शिक्षा अधिकारी खंदौली द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापकों द्वारा शिकायत में लगाए गए आरोपों की हकीकत जानी तो तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई।
दो साल में आंगनबाड़ी केंद्र पर सिर्फ 18 दिन मिला पका भोजन
खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जांच हेतु किए गए निरीक्षण के दौरान ज्ञात हुआ कि आंगनबाड़ी केंद्र के अध्ययनरत बच्चों को दो साल में सिर्फ 18 दिन ही पका भोजन दिया गया है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी के लिए सत्र 2023-24 के लिए आई धनराशि के फर्जी बिल बाउचर बना लिए गए, उसकी किट आंगनबाड़ी कार्यकत्री को उपलब्ध नहीं हुई। जबकि 2024-25 की धनराशि का अभी तक कुछ भी क्रय नहीं किया गया है।
कागजों में कंपोजिट ग्रांट का खर्च दर्शाने के बावजूद मौके पर रंगाई एवं पुताई का कोई कार्य नहीं हुआ। विद्यालय की स्पोर्ट्स सामग्री हेतु सत्र 2021-22, 2023-24 ,2024-25 के प्रत्येक सत्र के लिए ₹10000 की धनराशि आई। तीनों सत्रों के बिल बाउचर बनाकर रख लिए गए। एसएमसी की बैठक में इसका कोई विवरण प्रस्तुत नहीं कियाज गया। दिव्यांगों की टीएलएम सामग्री का भी क्रय नहीं किया गया।
प्रधानाध्यापिका का हैरतंगेज कारनामा यह दिखा कि बर्तनों के लिए आई धनराशि को भी हजम कर लिया गया, छत पर रखी जाने वाली पानी की टंकी में बर्तनों को रखा हुआ था। निरीक्षण के दौरान कुल नामांकित 107 बच्चों में सिर्फ 70 बच्चे उपस्थित थे। सिर्फ 2 लीटर दूध को 70 बच्चों में वितरित कर दिया गया। इसका कारण पूछने पर प्रधानाध्यापिका का जो जवाब मिला उसको सुनकर दिमाग भी चकरा गया। विद्यालय में चार गैस सिलेंडर होने के बावजूद खाना चूल्हे पर बनाया जा रहा था।
सहायक अध्यापकों से रोज होता था दुर्व्यवहार
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका का आतंक इस कदर बढ़ चुका था कि उसके कारनामों को उजागर करने पर सहायक अध्यापकों को धमकियां मिल रही थीं। आए दिन विद्यालय का माहौल खराब हो रहा था। खंड शिक्षा अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में प्रधानाध्यापिका पर कड़ी कार्रवाई की संस्तुति की थी। रिपोर्ट का संज्ञान लेकर बीएसए आगरा जितेंद्र गोंड ने प्रधानाध्यापिका अनुराधा सेंगर को निलंबित करते हुए कंपोजिट विद्यालय नगला जौहरी से संबद्ध कर दिया है। प्रधानाध्यापिका के प्रकरण की जांच हेतु खंड शिक्षा अधिकारी सौरभ कुमार आनंद को जांच अधिकारी को नियुक्त किया गया है। सौरभ कुमार आनंद की आगामी रिपोर्ट उपरांत ही प्रधानाध्यापिका पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।