बहराइच: बहराइच में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद में 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्र की बर्बरतापूर्वक हत्या ने पूरे जिले में तनाव पैदा कर दिया है। मृतक के परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सचिव (गृह) और अपर पुलिस महानिदेशक को मौके पर भेजा। इस घटना के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं।
घटनाक्रम
रविवार को प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई पिटाई के बाद रामगोपाल को गोली मारी गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने महसी तहसील गेट पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एक अन्य घायल युवक की मौत की अफवाह फैलने पर लोगों में आक्रोश भड़क गया, जिससे महराजगंज इलाके में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
प्रशासन की कार्रवाई
जिला प्रशासन की विफलता और बेकाबू हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच के लिए अधिकारियों को मौके पर भेजा। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और एसटीएफ ने महराजगंज इलाके में मोर्चा संभाल लिया है।
नाखून उखाड़कर हत्या
रामगोपाल मिश्र को प्रतिमा विसर्जन के दौरान पथराव के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घर में खींच लिया और वहां उसकी बर्बरतापूर्वक पिटाई की। मृतक के नाखून उखाड़ने के बाद उसे गोली मारी गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इस बर्बरता का उल्लेख किया गया है।
उपद्रव और गिरफ्तारी
मृतक के परिजनों के प्रदर्शन के बाद, जिले में प्रतिमा विसर्जन को रोक दिया गया। आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ने के कारण पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। पुलिस ने अब तक 26 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई नामजद आरोपी शामिल हैं।
तहसीलदार की लापरवाही
रामगोपाल को अस्पताल ले जाने के लिए जब तहसीलदार से मदद मांगी गई, तो उन्होंने भाग जाने का साहस किया। परिजनों का कहना है कि अगर तहसीलदार ने समय पर मदद की होती, तो शायद रामगोपाल की जान बच सकती थी।