रामस्वरूप सिंघल कन्या इंटर कॉलेज में तैनात सहायक अध्यापिका की फर्जी नियुक्ति की कमिश्नर से हुई शिकायत
तथ्यों को छिपाकर की गई नियुक्ति को निरस्त कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग हो या माध्यमिक शिक्षा विभाग, नियमों को दरकिनार करना विभागीय लोगों के लिए शगल बन चुका है। ताजा मामला माध्यमिक शिक्षा विभाग का है, विभाग के अधीन इंटर कॉलेज में तैनात सहायक अध्यापिका की फर्जी नियुक्ति की शिकायत आगरा कमिश्नर को की गई है।
पंकजदीप अग्रवाल पुत्र मदनमोहन निवासी शमसाबाद रोड चमरौली द्वारा कमिश्नर को दी गई शिकायत में गंभीर आरोप लगाकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत अन्य लोगों को कटघरे में खड़ा किया है। शिकायत के मुताबिक रामस्वरूप सिंघल कन्या इंटर कॉलेज, विभाग द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज है। विभाग में विगत 2015 में सहायक अध्यापिका पद पर अंजली सोलंकी की नियुक्ति हुई थी। पंकजदीप अग्रवाल का आरोप है कि अंजली सोलंकी की नियुक्ति में विभागीय नियमों का खुलकर दुरुपयोग हुआ। अंजली सोलंकी को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए आनन फानन में सारा खेल रचकर नियुक्ति प्रदान कर दी गई। कमिश्नर को सौंपे शिकायतपत्र के मुताबिक अंजली सोलंकी ने बीटीसी हेतु 2012 बैच में प्रवेश लिया था। इसी दौरान अंजली सोलंकी ने 2013-14 में टीईटी प्रमाणपत्र हेतु आवेदन किया। जिसकी विज्ञप्ति 6 जनवरी 2014 को प्रकाशित हुई थी। 7 जनवरी 2014 को ऑनलाइन पंजीकरण कराया गया था। इसकी अंतिम तिथि 28 जनवरी 2014 थी। उक्त प्रक्रिया के तहत अंजली सोलंकी ने बीटीसी का परीक्षा परिणाम आने से पूर्व ही टीईटी को उत्तीर्ण कर लिया था। इसके बाद 18 अगस्त 2015 को अंजली सोलंकी का बीटीसी परीक्षा परिणाम जारी हुआ। पंकजदीप अग्रवाल ने बताया कि सहायक अध्यापक पद हेतु टीईटी अनिवार्य होता है। अंजली सोलंकी ने अपने बीटीसी के परीक्षा परिणाम से पूर्व ही टीईटी को उत्तीर्ण कर लिया था, इसके बावजूद शिक्षक पद के आवेदन हेतु उसके आवेदन को नियमानुसार 18 अगस्त 2015 के उपरांत ही मान्य माना जायेगा। अंजली सोलंकी का फर्जीवाड़ा यहीं से शुरू हो जाता है।
विज्ञप्ति जारी होने से पहले ही हो गया आवेदन
पंकजदीप अग्रवाल के गंभीर आरोप के मुताबिक रामस्वरूप सिंघल कन्या इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक पद हेतु भर्ती का विज्ञापन 4 अगस्त 2015 को प्रकाशित हुआ है। विज्ञापन के मुताबिक आवेदन की समयावधि 15 दिन है तो इसका प्रकाशन 20 जुलाई 2015 के लगभग हुआ है। अंजली सोलंकी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार करके अपने बीटीसी परीक्षा परिणाम 18 अगस्त 2015 से पूर्व ही आवेदन प्रक्रिया में शामिल होकर सहायक अध्यापक की नौकरी हथिया ली। पंकजदीप अग्रवाल का आरोप है कि इस खेल में अंजली सोलंकी ने प्रबंधतंत्र, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में सांठगांठ करके अपनी फर्जी नियुक्ति से अब तक लाखों रूपए सरकारी धन का गबन कर लिया है। लंबा वक्त गुजरने के बावजूद उक्त गंभीर प्रकरण की जांच की जरूरत नहीं समझी गई। अंजली सोलंकी का एक और कारनामा यह है कि उसके द्वारा 2017 में एक ही वर्ष में एमए और बीएड की डिग्री प्राप्त कर ली गई, जबकि नियमानुसार एक ही वर्ष में दो डिग्रियां प्राप्त नहीं की जा सकती
मानव संपदा पोर्टल पर भी कर दिया फर्जीवाड़ा
शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल को शिक्षकों की कुंडली माना जाता है। पहले शिक्षकों की मैनुअल सर्विस बुक होती थीं। डिजिटलीकरण के दौर में विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए मानव संपदा पोर्टल स्थापित किया गया है। शिक्षकों की समस्त जानकारी इसी पोर्टल पर अपलोड होती हैं। विभाग के इस पोर्टल पर अंजली सोलंकी का नियुक्ति आदेश 23 जुलाई 2015 का है।
पंकजदीप अग्रवाल की शिकायत के अनुसार, अंजली सोलंकी द्वारा तथ्यों को छिपाकर हासिल की गई सहायक अध्यापिका की नियुक्ति के मद्देनजर शिकायत में वर्णित तथ्यों का अवलोकन कर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक आगरा मंडल से 10 दिन में सुष्पष्ट आख्या मांगी गई है।
कमिश्नर रितु माहेश्वरी द्वारा जारी लिखित आदेशानुसार