पुलिस से बचने के लिए बुक संचालकों ने बदले नाम
साइकिल नसीब नहीं थी वह लग्जरी गाड़ी में बैठे हैं
अग्र भारत ब्यूरो
आगरा। बुकी, सटोरियों के खिलाफ पुलिस कितनी भी सख्ती कर ले, बुकी आईपीएल के बाद अब वर्डकप में दाव लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले दिनों हुई कार्रवाई के बाद बुकी सर्तक हो गये हैं। पुलिस से बचने के लिए बुक संचालकों ने नया प्रयोग किया है। टॉप सटोरियों ने अपनी-अपनी बुक पर जो पल्टर बिठाये हैं, उनके नाम कुछ ऐसे रखे हैं कि पुलिस भी उनके नाम सुनकर भ्रमित हो जाये। सिकंदरा, शाहगंज और जगदीशपुरा के नामचीन बुकियों की क्रिकैट बुक की कमाई में टमाटर, मैंथी, सब्जी और चाऊमीन जैसे शातिर पल्टर लाखों रुपये का तड़का लगा रहे हैं। वहीं आॅटो चलाने वाला इंद्रजीत और चने बेचने वाला चूहा करोड़ों रुपये में कमा चुका है। वह लाखों रुपये की लग्जरी गाड़ी मेंटन कर रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई के बाद दौगुनी ताकत से चलाते है बुक
लोहामंडी के नौबस्ता निवासी नवनीत भार्गव उर्फ मामा मसाला सबसे पहले वर्ष 2020 में चर्चाओं में आया। पुलिस ने एक बार पकड़ा, तो अखबारों को सुर्खियां बन गया। पुलिस ने एनडीपीएस का भय दिखाया, लेकिन कार्रवाई जुआ अधिनियम में कर खेल कर दिया। पुलिस के नाम पर दलाल ने मोटी रकम ली थी। उसके बाद पुलिस के दलालों को जब भी रुपयों की जरूरत होती है। उनका सबसे सॉफ्ट टारगेट नवनीत भार्गव उर्फ मामा मसाला ही होता है। वह तीन साल में अबतक करीब छह बार पकड़ा जा चुका है। उसे छुड़ाने के लिए जो भी जाता है। वह खुद भी मालामाल हो जाता है। वह इतना चर्चित है कि पुलिस उसे सुविधा शुल्क लेने के बाद भी छोटी धाराओं में कार्रवाई करने को मजबूर हो जाती है। मीडिया और राजनेता उसपर कार्रवाई कराने के लिए पुलिस को उसकी करतूत बताते हैं। सूत्र कहते हैं कि मामा मसाले जब-जब पकड़ा गया है। उसके बाद दौगुनी ताकत से बुक चलवाता है। इसके परिजन करतूतों से परेशान रहते हैं।
थाने के बराबर से चलाता है बुक
राका नाम का बुकी कपड़ा दुकान की आड़ में क्रिकै ट मैच की बुक चलाता है। कुछ माह पहले पुलिस ने उसे दुकान से पकड़ा था। पुलिस ने मुकदमा दर्जकर कार्रवाई की थी। थाने के बराबर में उसकी दुकान है। वहीं से बुक का संचालन करता था। वह आज भी इस धंधे में बदस्तूर उतरा हुआ है। वहीं राका का साथी चाचा नाम का बुकी बेहद शातिर है। दो साल पहले कुछ पुलिसकर्मी उसे परेशान कर रहे थे। पुलिसकर्मियों की उसने वीडियो और आॅडियो बना ली थी। उसके बिहाव पर दो सिपाहियों का सस्पेंड करवा दिया था। उसके बाद से खाकी वाले चाचा से खार गये थे। हालांकि चाचा के सरपरस्तों की पुलिस में अच्छी पकड़ है। इनका ही साथी लवली चाऊमीन ने किराना स्टोर हॉल सोल की दुकान खोल रखी है। दुकान पर वह खुद बैठता है। वहीं से अपनी बुक के सभी खिलाड़ियों का भुगतान करता है। इनकी बुक पर ही मैथी नाम का पल्टर संचालन करता है।
दस रुपये के चने बेचने वाला बना दस करोड़ मालिक
दस रुपये के चने बेचने वाला बना दस करोड़ मालिक
जगदीशपुरा के बोदला क्षेत्र का रहने वाला पंकज उर्फ चूहा 12 साल पहले दस-दस रुपये के चने बेचता था। दस साल पहले संजय कालिया, सुनील झाला के संपर्क में आया। उनकी बुक पर काम करने लगा। कहावत है कि गुरू गुड़ रहे गये चेला शक्कर हो गये। चूहा आज करोड़ों में खेल रहा है। तीस लाख की लग्जरी गाड़ी मेंटेन करता है। सुनील झाला शहर छोड़ गया। संजय कालिया कुछ दिन पहले जुआ में पकड़े जाने पर सिकंदरा थाने में लात घूंसे खा रहा था। पुलिस ने संजय को ही हीरो बना दिया, जबकि जुआ में छूट इंद्रजीत ले रहा था। 12वीं पास चूहा के पास अवधपुरी क्षेत्र में ही चार बड़ी प्रॉपर्टी हैं। एक कोठी तो पुलिस चौकी के ईदगिर्द है।
ऑटो चालक इंद्रजीत बना करोड़पति जुआरी
करीब एक माह पहले सिकंदरा थाने के सामने एक होटल में जुआ पकड़ा गया। पुलिस ने 15 जुआरी दबोचे थे। उनके पास करीब 14 लाख की बरामदगी हुई। उनमें शामिल संजय कालिया को देख पुलिस को एक बड़ा गुडवर्क मिल गया। सूत्रों के मुताबिक जुआ सुबह करीब 9 बजे से हो रहा था। होटल मालिक सुमित ने पुलिस की गारंटी ली थी। जुआ कई घंटे से चल रहा था। पुलिस कार्रवाई से कुछ समय पहले ही इंद्रजीत नाम का जुआरी दस लाख रुपये जीतकर वहां से निकल गया था। वहीं शाहगंज क्षेत्र का एक जुआरी तीन लाख रुपये हारा था। वह भी निकल गया था। पुलिस ने संजय कालिया को देखा, तो वह इंद्रजीत को भूल गये। संजय कालिया का बेशक अब दौर खतम हो गया है, लेकिन एक जमाने में जुआरी सटोरियों में उसके नाम का डंका था। पुलिस ने उसी का नाम जुआ के अड्डे का सरगना बताकर खुलासा कर दिया।
ताजगंज में करवा रहा है जुआ
सिकंदरा में बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी इंद्रजीत बेखौफ है। ताजगंज में फतेहाबाद रोड स्थित अलग-अलग ठिकानों में जुआ की करवाकर छूट ले रहा है। उसके फड़ पर फतेहाबाद क्षेत्र के अलावा धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, खेरागढ़ तक के जुआरी शामिल हो रहे हैं। इंद्रजीत आठ साल पहले बोदला से सिकंदरा तक आॅटो चलाता था। हाल में उसने सिकंदरा एरिया में आलीशान घर बनवाया है। वह दिखावे के लिए नीले रंग की एक्टिवा से चलता है। गाड़ियों के कारवां में कई लग्जरी गाड़ियां हैं। इंद्रजीत पर जुआ सट्टे के करीब छह मुकदमें दर्ज है। उसके खिलाफ पुलिस ने अभी गैंगस्टर में कार्रवाई नहीं की है।