सीवर टैंकरों के जरिए हो रहा प्रदूषण
आगरा शहर में बड़ी संख्या में प्राइवेट सीवर टैंकरों का संचालन हो रहा है, जिनमें से अधिकांश अपंजीकृत हैं। ये टैंकर सैप्टिक टैंकों का मलबा बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे नालों और खुले स्थानों में डालकर प्रदूषण फैला रहे हैं। इस कारण नालों में अक्सर अवरुद्धता की समस्या उत्पन्न हो रही है, जिससे शहर की स्वच्छता व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। यह लगातार नगर निगम प्रशासन के पास शिकायतों का कारण बन रहा था।
नगर निगम द्वारा पंजीकरण की हिदायत
नगर निगम प्रशासन ने पहले ही सभी सीवर टैंकर संचालकों को रजिस्ट्रेशन कराने की हिदायत दी थी, लेकिन अब तक बहुत कम निजी सीवर टैंकर संचालकों ने नगर निगम में अपना पंजीकरण कराया है। ऐसे में नगर निगम ने अब गैर पंजीकृत सीवर टैंकरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
सीवर मलबे की उचित निस्तारण व्यवस्था
अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि प्राइवेट सीवर टैंकरों को अब नाले या सार्वजनिक स्थलों पर मलबा डालने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें या तो मलबे को सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजना होगा या फिर सीवर लाइन में डालना होगा। इसके अलावा, सभी सीवर टैंकर संचालकों को नगर निगम में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।
नगर निगम द्वारा स्थापित फीकल स्लज ट्रीटमेंट संयंत्र
नगर निगम ने देवरी रोड पर 75 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का एक फीकल स्लज ट्रीटमेंट संयंत्र स्थापित किया है, जहां सैप्टिक टैंकों से निकले मलबे का उचित निस्तारण किया जाता है। यह कदम शहर में सफाई और प्रदूषण नियंत्रण के लिए अहम साबित हो सकता है।
सैप्टिक टैंक खाली कराने की दरें तय
नगर निगम ने सैप्टिक टैंक को खाली कराने के लिए दरें भी तय कर दी हैं। इसके तहत:
- 500 लीटर क्षमता के टैंकर के लिए 600 रुपये
- 3000 लीटर क्षमता के टैंकर के लिए 1000 रुपये
- 4000 लीटर क्षमता के टैंकर के लिए 1200 रुपये का शुल्क लिया जाएगा।
यदि किसी व्यक्ति को अपने सैप्टिक टैंक को खाली कराना हो, तो वे नगर निगम के कंट्रोल रूम के नंबर 8272854914 और संयंत्र कंट्रोल रूम के नंबर 6392491862 पर कॉल कर सकते हैं।
अन्य निकायों से करार
नगर निगम ने अपने इस ट्रीटमेंट संयंत्र की सुविधा का लाभ अन्य स्थानीय निकायों को भी देने की पहल की है। अब नगर पंचायत दयालबाग, स्वामी बाग और नगर पालिका एत्मादपुर ने नगर निगम के साथ अनुबंध किया है।
नगर आयुक्त का स्पष्ट संदेश
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि कोई भी निजी सीवर टैंकर अब सीधा सैप्टिक टैंक से निकला मलबा नालों में नहीं डाल सकता है। यदि किसी को ऐसा करते पाया जाता है, तो उसके खिलाफ नगर निगम अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीवर टैंकर संचालन के लिए नगर निगम में पंजीकरण अनिवार्य है।