बिजनौर की DPRO दमनप्रीत अरोड़ा ने UPSC में लहराया परचम, बनीं 103वीं रैंक हासिल कर जिले की शान

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बिजनौर। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2024 का परिणाम घोषित होते ही बिजनौर जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। यहां जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) के पद पर कार्यरत कर्मठ अधिकारी दमनप्रीत अरोड़ा ने प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 103वीं रैंक हासिल की है। उनकी इस असाधारण सफलता ने न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है।

जैसे ही दमनप्रीत अरोड़ा के यूपीएससी में चयनित होने की खबर विकास भवन स्थित उनके कार्यालय परिसर में पहुंची, वहां बधाई देने वालों का तांता लग गया। उनके सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें मिठाई खिलाकर उनकी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली दमनप्रीत अरोड़ा ने 19 दिसंबर 2024 को बिजनौर के विकास भवन में जिला पंचायत राज अधिकारी के रूप में अपना कार्यभार संभाला था। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है, और उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी चंडीगढ़ में ही संपन्न हुई है।

दमनप्रीत ने अपने परिवार के बारे में बताते हुए कहा कि उनके परिवार में उनके माता-पिता और एक भाई हैं। उनकी माता एक गृहणी हैं, जबकि उनके पिता पंजाब राज्य सरकार में एक प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत हैं। उनका भाई एक निजी कंपनी में अपनी सेवाएं दे रहा है।

अपनी सफलता की यात्रा साझा करते हुए दमनप्रीत ने बताया कि वह वर्ष 2017 से ही यूपीएससी की तैयारी में जुटी हुई थीं। उनकी मेहनत और लगन का ही परिणाम था कि वर्ष 2020 में उनका चयन पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) में हो गया, और तब से वह अपनी नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी को भी जारी रखे हुए थीं। उन्होंने वर्ष 2021 से पढ़ाई और अपनी सरकारी सेवा दोनों को सफलतापूर्वक साथ-साथ निभाया।

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दमनप्रीत ने कहा, “जब मुझे यूपीएससी में चयन की शुभ सूचना मिली, उस वक्त मेरे मम्मी-पापा मेरे साथ थे। इस खुशी के पल को सबसे पहले मैंने अपनी मौसी और पंजाब में एसडीएम (उप-जिलाधिकारी) के पद पर कार्यरत अपने चाचा को फोन करके साझा किया।”

दमनप्रीत ने अपनी इस शानदार सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अपने भाई को समर्पित किया। इसके साथ ही, उन्होंने बिजनौर की जिलाधिकारी (DM) और मुख्य विकास अधिकारी (CDO) का भी हृदय से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी नौकरी के दौरान उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए हर संभव सहयोग और आवश्यक अवकाश प्रदान किया।

यह उल्लेखनीय है कि दमनप्रीत ने किसी भी प्रकार की कोचिंग का सहारा नहीं लिया, बल्कि अपनी पूरी तैयारी उन्होंने स्वयं अध्ययन (सेल्फ स्टडी) के माध्यम से ही की। इससे पहले, उनका चयन हरियाणा सिविल सेवा में भी हुआ था, लेकिन उन्होंने उस पद पर যোগদান नहीं किया था, क्योंकि उनका लक्ष्य हमेशा से यूपीएससी को क्रैक करना था।

अंत में, दमनप्रीत अरोड़ा ने युवाओं को एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा, “यूपीएससी एक अत्यंत कठिन परीक्षा है। कई बार अथक प्रयास के बावजूद परिणाम आपके अनुकूल नहीं आता है, लेकिन कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। निरंतर प्रयास और अटूट आत्मविश्वास ही सफलता की एकमात्र कुंजी है।” दमनप्रीत की यह प्रेरक कहानी निश्चित रूप से उन सभी युवाओं को प्रेरित करेगी जो सिविल सेवा में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

 

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