फतेहपुर सीकरी: महान संत और समाज सुधारक भगवान रविदास की जयंती के अवसर पर फतेहपुर सीकरी में नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पालिका परिसर स्थित बाल्मीकि वाटिका में संत रविदास के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि दी गई और दीप प्रज्वलित किए गए।
संत रविदास की जयंती को लेकर नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने एकत्र होकर इस ऐतिहासिक दिन को श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत में संत रविदास के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद दीप जलाकर उनके आदर्शों को याद किया गया और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने संत रविदास के योगदान और उनके उपदेशों पर भी प्रकाश डाला।
संत रविदास के जीवन पर प्रकाश डाला
संत रविदास भारतीय समाज के एक महान संत और कवि थे, जिन्होंने जातिवाद, अंधविश्वास और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनका जीवन गरीबों, दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का प्रतीक है। संत रविदास का संदेश आज भी समाज के हर वर्ग को समानता, एकता और भाईचारे का मार्गदर्शन करता है। उनके जीवन और उनके उपदेशों के बारे में कर्मचारियों ने विस्तार से चर्चा की और उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में प्रमुख लोग उपस्थित रहे
इस कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग और नगर पालिका कर्मचारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से बाबू बने सिंह, कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रविंद्र वाल्मीकि, महामंत्री नरेश वाल्मीकि, सुपरवाइजर दिलशाद खान, मुकेश वाल्मीकि, मनोज वाल्मीकि, विष्णु वाल्मीकि और अन्य कर्मचारी शामिल थे। सभी ने मिलकर संत रविदास के योगदान को याद किया और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।
सफाई कर्मचारियों का योगदान
संत रविदास के सिद्धांतों का पालन करते हुए नगर पालिका के सफाई कर्मचारी समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। उनका योगदान न केवल सफाई के क्षेत्र में है, बल्कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी कार्यरत हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से सफाई कर्मचारियों ने समाज में समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में कदम बढ़ाने का संदेश दिया।
संत रविदास की जयंती के इस अवसर पर फतेहपुर सीकरी के नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने उनके विचारों और आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम समाज में एकता, समानता और शांति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। संत रविदास के योगदान को याद करते हुए उनके विचारों को समाज के हर वर्ग में फैलाने की आवश्यकता है ताकि समाज में व्याप्त असमानता और भेदभाव को समाप्त किया जा सके।