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सीजीएसटी विभाग ने फर्जी फर्मों के व्यपार में शामिल एक मॉड्यूल का किया भंडाफोड़

Dharmender Singh Malik
4 Min Read

227 फर्जी फर्में बनाकर 755 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल आरोपी को पकड़ा

फर्जी चालान जारी कर धोखाधड़ी करने का है आरोप

स्क्रैप, सीमेंट, टाइल्स, सिरेमिक आदि में नकली चालान जारी करता था

134 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया था

आगरा । केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) विभाग के अधिकारियों ने बेलनगंज भैंरो नाला निवासी अक्षय गोयल को गिरफ्तार किया है। जिसने 227 फर्जी फर्में बनाकर 755 करोड़ रुपये के फर्जी चालान जारी कर धोखाधड़ी करने का आरोप है।

इस घोटाले के मास्टरमाइंड अक्षय गोयल और उसकी टीम ने 227 फर्जी फर्मों को माल की भौतिक आपूर्ति को परिवहन के बिना, 755 करोड़ से अधिक मूल्य की आयरन स्क्रैप, सीमेंट, टाइल्स, सिरेमिक और मार्बल्स आदि जैसी वस्तुओं को कवर करने वाले नकली चालान जारी कर रही थीं। तथा इसके अंतर्गत लगभग 134 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध और अयोग्य आईटीसी जारी की गयी। जिसकी जांच अभी जारी है।

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सीजीएसटी कमिश्नर शरद श्रीवास्तव ने बताया कि आगरा की निवारक इकाई के अधिकारियों द्वारा विश्वनीय खुफिया जानकारी के आधार पर आगरा आयुक्तालय के अधिकार क्षेत्र में कई परिसरों और आवासीय पते पर एक साथ तलाशी ली गयी । जिसके आधार पर फर्जी फर्मों के व्यापार में शामिल एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया है। जो कि माल की आपूर्ति किए बिना चालान जारी करता है और दूसरों के नाम का उपयोग करके व्यक्तिगत चालू बैंक खातों के माध्यम से धन भेजता है। इसके साथ ही कई फर्मों के लेटर हेड पर जारी किए गए फर्जी चलानों की प्रतियां, चेक बुक, बैंक पास बुक, रबर स्टॉप और मोबाइल फोन सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए है।

उन्होंने बताया कि इस रैकेट की कार्य पद्धति के अंतर्गत प्रारंभ में परिवार के सदस्यों, कर्मचारियों और दोस्तों के पैन और आधार नंबरों का उपयोग करके फर्जी फर्मों का निर्माण किया जाता है, और फिर माल की आपूर्ति, आवाजाही के बिना लेनदेन का एक जटिल नेटवर्क तैयार किया जाता है। पूरा रैकेट सर्कुलर ट्रेडिंग के इर्द-गिर्द घूमता है । विभिन्न ग्राहकों को उनके अनुरोध के अनुसार माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट भेजा जाता है। यह मुख्य रूप से अन्य करदाताओं को माल के किसी भी प्रकार के भौतिक आवागमन व भुगतान के बिना, गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने और उपयोग करने की अनुमति देता है।

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उन्होंने बताया कि इसके अलावा, फर्जी बिलों की बिक्री के बदले प्राप्त धनराशि को बिना सघन जांच के बैंक खाते से निकालने के लिए निजी बैंकों में व्यक्तिगत चालू खाते भी विभिन्न दस्तावेजों के आधार पर खोलें जाते हैं।
जीएसटी अधिनियम 2017 के प्रावधान के तहत ऐसे अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती हैं। इसलिए पुख्ता सबूतों के आधार पर संलिप्त कई मास्टरमाइंड व्यक्तियों में से एक मास्टरमाइंड अक्षय गोयल की अपराध में संलिप्तता की स्वीकृति के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है । फर्जी फर्मों और अन्य संलिप्त व्यक्तियों से संबंधित बैंक खाते सरकारी राजस्व के हित में अस्थायी रूप से अटैच किये गए हैं।

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कार्रवाई करने वाली टीम में इनका रहा प्रमुख योगदान

सीजीएसटी के आयुक्त शरद चंद श्रीवास्तव के दिशा निर्देशन में अपर आयुक्त भवन मीना, उपायुक्त पल्लव सक्सेना के मार्ग दर्शन पर यह कार्रवाई की गई ।जिसकी अगुआई ऋषि देव सिंह अधीक्षक एंटी इवेजन की टीम द्वारा की गई। जिनमे निरीक्षक सतीश कुमार, कपिल कुमार, अनुराग सोनी, दीपक कुमार, इंद्रेश, अजय सोनकर, अरविंद सिंह परमार, श्री एकांत सोलंकी, सोमेश आदि का प्रमुख रूप से योगदान रहा।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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