मैनपुरी । उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी में अपनी विधानसभा करहल के एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा की केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों पर अखिलेश यादव पीएम मोदी और सीएम पर तंज कसते दिखे। उन्होंने मुगल गार्डन का नाम अमृत उद्यान रखने पर कहा कि ये बीजेपी के लोग हैं और किसी का नाम बदल सकते हैं। वह कहावत है न छोटे मियां तो छोटे मियां बड़े मियां शुभान अल्लाह।
जानकारी के मुताबिक अखिलेश यादव ने आगे कहा कि अभी तक तो योगीजी नाम बदल रहे थे अब तो मैदान में मोदीजी भी छोटे मियां को कॉपी कर रहे हैं। इस सरकार का काम ही है नाम बदलना। दूसरों के काम को अपना बनाना। आप आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे देख लीजिए कहीं पर भी समाजवादी पार्टी और नेताजी का नाम नहीं है। आप जहां कहीं भी सड़क पर उतरोगे तो बीजेपी ने वहां पर भी अपना नाम लिख लिया है। जिस स्टेडियम में इंडिया और न्यूजीलैंड का मैच खेला जा रहा था उस स्टेडियम का नाम भी बदल दिया। सपा सरकार में गरीबों के लिए कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया गया था लेकिन यह सरकार उसके लिए बजट नहीं दे रही है लेकिन वहां प्रतिमा लगा दी और अपना नाम छाप दिया।
अदानी के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत नाजुक समय है। मुझे याद है कि जिस समय बिजली विभाग के सरकारी कर्मचारियों का प्रोविडेंट फंड एक प्राइवेट कंपनी में इन्वेस्ट कर दिया गया था और वह प्राइवेट कंपनी जिस समय डूब गई तो उत्तर प्रदेश सरकार का पैसा डूब गया था और उस समय आरोप लगाकर बड़े-बड़े अधिकारियों को जेल भेज दिया गया जिसके बाद ईडी और तमाम तरह की जांच हुई थी।
आज हमारे देश की प्रतिष्ठित एसबीआई बैंक और एलआईसी जिसमें आम आदमी ने अपनी मेहनत का पैसा लगाया हुआ है। अगर 70 हजार करोड़ से ज्यादा 55 हजार करोड़ रुपया इन्वेस्ट कर दिया जाएगा प्राइवेट में वह भी जान-बूझकर एक उद्योगपति के लिए अगर वह उद्योगपति डूबा तो क्या एसबीआई के बड़े अधिकारी एलआईसी के चेयरमैन जेल जाएंगे कि नहीं। जिस समय डीएचएलएफ डूबा उस समय अधिकारी जेल गए थे। उनको जेल में रहना पड़ा था यह तो 1200 करोड़ का मामला था।
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर अखिलेश यादव ने कहा कि हालांकि बीबीसी की क्रेडिबिलिटी बहुत है। हालांकि चुनाव से पहले ऐसी डॉक्यूमेंट्री आना कहीं न कहीं सवाल खड़े करती है। हमें कोई शिकायत नहीं है बीबीसी की क्रेडिबिलिटी पर यह डॉक्यूमेंट्री पहले भी तो आ सकती थी।
2024 का चुनाव होने से पहले यह डॉक्यूमेंट्री क्यों आई है डॉक्यूमेंट्री की जो सच्चाई है क्या भारत सरकार को शर्म नहीं आ रही है उसे देखकर कि भारत की कितनी बदनामी हो रही है। सरकार को शर्म नहीं आ रही कि किस तरीके से लोगों की जान गई है किस तरह सरकारी मशीनरी लगी थी हत्या कराने में यह सब बातें हैं।
शूद्र होने के सवाल पर एक निजी चैनल के पत्रकार पर भड़कते हुए बोले अखिलेश यादव कि चौपाई पढ़कर सुनाओ तुम्हारा चैनल बिकाऊ है। हम लोग भगवान श्रीराम के खिलाफ नहीं हैं रामचरितमानस के खिलाफ नहीं हैं। मेरा सवाल योगीजी से है क्योंकि वह योगी भी हैं और एक धार्मिक स्थान से उठकर सदन में भी आए हैं। मैं वह चौपाई उनसे सुनना चाहूंगा कि वह मुझे वह चौपाई सुनाएं और मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि मैं शूद्र हूं कि नहीं। कल मैं मंदिर में दर्शन करने जा रहा था क्या बीजेपी और आरएसएस वालों ने वहां गुंडई नहीं की। अगर हमें पता होता कि यह गुंडागर्दी करेंगे तो हम भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ जाते। बताओ 5-6 गुंडे भेज दिए काले झंडे दिखाने के लिए और जब ये काले झंडे सपा के लोग दिखाते हैं तो उन्हें 2 साल के लिए जेल भेज देते हो। इसके बाद भी मैं मुख्यमंत्री से सदन में यह पूछूंगा मैं शूद्र हूं कि नहीं।