लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव, आईएएस एसपी गोयल ने प्रदेश के सभी मंडल के कमिश्नर और सभी जिलाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश विशेष रूप से मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में प्राप्त प्रार्थना पत्रों के निस्तारण से संबंधित हैं, खासकर राजस्व संबंधी मामलों को लेकर।
राजस्व मामलों की जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता का लक्ष्य
जारी निर्देश में कहा गया है कि अब तक राजस्व संबंधी सभी प्रकरणों में अक्सर लेखपाल से ही आख्या (रिपोर्ट) प्राप्त कर उसे आगे बढ़ा दिया जाता था। इस प्रक्रिया से अधिकांश समस्याओं का निष्पक्षता और प्रभावी तरीके से निस्तारण नहीं हो पाता था, जिससे जनता को पूरी राहत नहीं मिल पाती थी।
इस समस्या को दूर करने और जनता को न्याय दिलाने के लिए, मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह निर्णय लिया गया है कि जनता दर्शन में प्राप्त राजस्व संबंधी समस्त मामलों की जांच अब नायब तहसीलदार से निम्न स्तर का कोई अधिकारी नहीं करेगा।
नायब तहसीलदार और उप जिलाधिकारी की भूमिका
नए निर्देश के अनुसार:
- नायब तहसीलदार द्वारा अभिलेखीय/स्थलीय स्थिति देखकर और शिकायतकर्ता को सुनकर अपने विवेक से, कानून के अनुसार निस्तारण किए जाने हेतु आख्या दी जाएगी।
- इस आख्या पर उप जिलाधिकारी (SDM) द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
- समस्या का समाधान कराने के उपरांत ही आख्या को पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्रार्थना पत्रों के प्रेषण का मुख्य उद्देश्य यह है कि दोनों पक्षों में विधिक/वास्तविक स्थिति पर समाधान कराने का पूर्ण प्रयास किया जाए। केवल ‘यथास्थिति’ से अवगत करा देना पर्याप्त नहीं होगा।
भविष्य में पूरी निष्ठा से हो काम
आईएएस एसपी गोयल ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भविष्य में उपरोक्त निर्देशों को ध्यान में रखकर ही प्रार्थना पत्रों का निस्तारण पूरी निष्ठा के साथ सुनिश्चित किया जाए।