■ रसौली एवं पित्त की थैली की बीमारी से ग्रसित थी महिला, ऑपरेशन के दौरान चिकित्सकों नें बरती थी लापरवाही
■ दुबारा ऑपरेशन कें नाम पर भी 7 लाख रुपये करा लिये थे जमा, फिर भी किसान की पत्नी की हालत नहीं सुधरी
आगरा। किसान की पत्नी कें ऑपरेशन में लापरवाही बरत निरीह महिला की जिंदगी बदतर बनानें कें बाबजूद किसान को अनावश्यक रूप से लाखों रुपये की चपत लगानें पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम नें सांई बाबा हॉस्पिटल ट्रांस यमुना के चिकित्सकों से वादी मुकदमा को 15 लाख, 33 हजार रुपये दिलानें कें आदेश दिये।
मामले के अनुसार वादी मुकदमा भवानी शंकर पुत्र स्व, जवाहर सिंह निवासी ग्राम मेहरा नाहर गंज, थाना डौकी, जिला आगरा नें जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में मुकदमा प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि,वह खेती किसानी कर जीवन यापन करता हैं। उसकी पत्नी श्रीमती माया देवी को रसौली एवं पित्त की थैली से सम्बंधित परेशानी होनें पर वादी नें सांई बाबा हॉस्पिटल, फेस 2 ट्रांस यमुना कॉलोनी में डॉ सुभाष सोनी एवं डॉ पारुल भाटिया को दिखानें पर उन्होनें ऑपरेशन की सलाह दी। वादी की सहमति पर उन्होनें नें11 जनवरी 2016 को वादी की पत्नी का ऑपरेशन किया। वादी का आरोप था कि, डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन में बरती लापरवाही कें चलतें वादी की पत्नी की सी,बी,डी एवं पेशाब की नली की दोनों नसें कट गई। जिससें वादी की पत्नी की परेशानी और बढ़ गयी।
शिकायत पर दुबारा ऑपरेशन की कह कर उन्होनें वादी से सात लाख रुपये और जमा करा दुबारा ऑपरेशन किया ,परन्तु वादी की पत्नी की हालत में सुधार नहीं हुआ, रुपयें जमा करनें की रसीद मांगने पर वादी को कोई रसीद भी नहीं दी गया।
वादी ने अपनी पत्नी को उसकें उपरांत असोपा हॉस्पिटल में दिखाया परन्तु पूर्व में बरती गई लापरवाही के चलते वादी की पत्नी को कोई लाभ नहीं हुआ। ट्रामा हॉस्पिटल कमला नगर में दिखानें पर भी वादी का एक लाख रुपये खर्चा हो गया। वहां से वादी की पत्नी को पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया। वहां भी 11 दिन इलाज चला जिसमें 70 हजार रुपये खर्च हो गये। वहां से वादी की पत्नी को 3 मार्च 2016 को अपोलो हास्पिटल दिल्ली रैफर कर दिया गया। वहाँ 14 लाख रुपये खर्च हुये परन्तु वादी की पत्नी की हालत में सुधार हो गया।
वादी ने सांई बाबा हॉस्पिटल द्वारा इलाज में बरती लापरवाही के चलते पत्नी की जान पर बन आनें एवं इलाज में करीब 18 लाख रुपये अतिरिक्त खर्चा होने पर उपभोक्ता आयोग प्रथम में मुकदमा प्रस्तुत किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम के अध्यक्ष सर्वेश कुमार एवं सदस्य डॉ अरुण कुमार ने वादी का वाद स्वीकार कर उसे प्रतिवादियों से बतौर प्रतिकर, मानसिक कष्ट एवं वाद व्यय कें रूप में 15 लाख 33 हजार रुपये मय ब्याज सहित दिलाने के आदेश दिये।