अपनी करतूतों को छिपाने के लिए ट्रीगार्ड को पुतवाकर बदले जा रहे नंबर
सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों की उड़ रही धज्जियां
किरावली। तहसील क्षेत्र किरावली के अंतर्गत आगरा जयपुर हाइवे स्थित गांव विद्यापुर के समीप गाटा संख्या 149 में निर्माणाधीन पेट्रोल पंप के निर्माण में विगत छह माह से लगातार नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। दबंग पेट्रोल पंप संचालक द्वारा सारे मानक और नियम ताक पर रख दिए गए हैं। कथित रूप से प्रशासन पूरी तरह मूकदर्शक बनकर चुप्पी साधकर बैठा है। धड़ल्ले से पेड़ काटे जा रहे हैं, लेकिन इनकी रखवाली और संरक्षण का दायित्व उठाने वाले वन विभाग के अधिकारी पर्दा डालने में जुटे हैं। निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
आपको बता दें कि गाटा संख्या 149 में विगत छह माह से हिंदुस्तान पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इस पंप की परिधि में संरक्षित वन भूमि है। विगत एक दशक पूर्व सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में यहां पर सघन वृक्षारोपण कराया गया था। प्रत्येक 3 मीटर की दूरी पर लगाए गए वृक्ष और उनके ट्रीगार्ड पर नंबर अंकित कराए गए थे। नियमों के अनुसार संरक्षित वन भूमि पर वृक्षों से लेकर भूमि के प्रकार से छेड़छाड़ करना भी कानूनी अपराध है, लेकिन पेट्रोल पंप संचालक को इसकी कोई परवाह नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा दी गई एनओसी में स्पष्ट लिखा था कि एनओसी की शर्तों का नियम और उल्लंघन होने पाट तत्काल प्रभाव से एनओसी निरस्त होगी, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
ट्रीगार्ड को पुतवाकर नए नंबर डालने का वीडियो वायरल
बताया जा रहा है कि मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो से हड़कंप की स्थिति बन गई। सुप्रीम कोर्ट के अधीन पेड़ और उनके ट्रीगार्ड को पेंट से पुतवा दिया गया था। यह सब काटे गए पेड़ों की जगह पर नए पेड़ लगाने और और उनका स्थान बदलकर नए स्थान पर लगाने के लिए किया गया था। सूत्रों के अनुसार यहां पर अभी तक लगभग एक सैकड़ा हरे पेड़ों की बलि चढ़ाई जा चुकी है। लगभग पचास पेड़ों को भी अभी काटा जाना है। मौका मिलते ही एक एक कर उनको काटा जा रहा है।
ग्राम सभा की भूमि भी कब्जाने का आरोप
इस मामले में विगत में एक शिकायत भी दर्ज हुई थी, जिसमें ग्राम सभा की भूमि कब्जाने का आरोप था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पेट्रोल पंप संचालक से सांठगांठ कर लेखपाल ने उसके पक्ष में रिपोर्ट लगाते हुए रेलवे लाइन से पेट्रोल पंप की दूरी को निर्धारित 44 मीटर की जगह 41 मीटर दर्शा दिया गया। उक्त रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया।
डीएफओ करने लगे किनारा
इस मामले में डीएफओ आदर्श कुमार से वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। उनसे संदेश भेजकर उनका जवाब मांगा गया तो कोई प्रत्युत्तर नहीं मिला।