आगरा: शहर का ऐतिहासिक आगरा क्लब इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। क्लब के हाल ही में हुए चुनाव को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और सदस्यों के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं।
चुनाव में अनियमितता का आरोप
क्लब के पिछले चुनाव में कुछ गड़बड़ियां होने का आरोप लगाया गया है। विशेष रूप से, प्रशासन की ओर से किसी भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए गए हैं। क्लब के संविधान के अनुसार, प्रशासन को दोनों प्रमुख समितियों में एक-एक प्रतिनिधि होना चाहिए, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
सिविल सदस्यों का विरोध
क्लब के कई सिविल सदस्यों ने चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए इसे दोबारा कराने की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं और प्रशासन की भूमिका को नजरअंदाज किया गया है।
एयरफोर्स और प्रशासन की नाराजगी
एयरफोर्स के प्रतिनिधियों ने भी इस बात पर नाराजगी जताई है कि क्लब की अध्यक्षता लगातार दूसरे साल आर्मी के पास चली गई है, जबकि यह बारी एयरफोर्स की थी। वहीं, प्रशासन भी चुनाव परिणाम से नाखुश है और इस मामले में जांच की मांग कर रहा है।