आगरा: नगर निगम के प्रवर्तन दल ने आज आगरा के तोता का ताल क्षेत्र (मदिया कटरा) में एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर दिया। यहाँ बन रहे नाले के लिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रवर्तन दल ने कई दुकानदारों के साथ बुरी तरह मारपीट की। इस घटना में चार दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिससे पूरे बाजार में आक्रोश फैल गया। विरोध स्वरूप दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं और नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
नाले के निर्माण के दौरान हुआ विवाद
तोता का ताल क्षेत्र में नगर निगम द्वारा नाले का निर्माण कार्य चल रहा है। नाले की खुदाई और अतिक्रमण हटाने के लिए सर्वे पहले ही किया जा चुका था और यह तय हुआ था कि नाला वर्तमान में मौजूद नालियों के आसपास ही बनाया जाएगा। इसी योजना के तहत आज ठेकेदार प्रशांत पालीवाल और एई सोमेश ने नगर निगम के प्रवर्तन दल को बुलाया, ताकि अतिक्रमण हटाने का कार्य शुरू किया जा सके।
लेकिन, जैसे ही प्रवर्तन दल ने दुकानों के पीछे तक तोड़फोड़ शुरू की, वहां के दुकानदारों ने इसका विरोध किया। दुकानदारों का आरोप है कि नाले के निर्माण से संबंधित कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और न ही उन्हें अतिक्रमण हटाने के बारे में पहले से जानकारी थी। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो प्रवर्तन दल के सदस्य गुस्से में आ गए और दुकानदारों की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। इस मारपीट में रिंकू बंसल, बब्बल यादव, राहुल सैनी सहित अन्य दुकानदार घायल हो गए।
दुकानदारों का आक्रोश और बाजार बंद
प्रवर्तन दल द्वारा दुकानदारों से मारपीट किए जाने के बाद स्थानीय बाजार में भारी आक्रोश फैल गया। दुकानदारों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी दुकानें बंद कर दीं। इसके बाद पूरा बाजार बंद हो गया और व्यापारी जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे। कई दुकानदार धरने पर बैठ गए और विरोध जताने लगे।
मौके पर पुलिस भी पहुंची और आक्रोशित व्यापारियों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। खबर लिखे जाने तक हंगामा जारी था, और नगर निगम की टीम को मौके से वापस लौटना पड़ा।
भाजपा पार्षद शरद चौहान ने किया विरोध
घटना की सूचना मिलते ही भाजपा पार्षद शरद चौहान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि बाजार में प्रवर्तन दल ने जिस तरह से दुकानदारों को पीटा, वह पूरी तरह से गलत था। उन्होंने आरोप लगाया कि नाले के निर्माण के बारे में पहले ही सारी बातें तय हो चुकी थीं, तो फिर अचानक तोड़फोड़ की जरूरत क्या थी।
शरद चौहान ने यह भी कहा कि दुकानदारों को बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह से परेशान किया गया, जोकि पूरी तरह से अनुचित था। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।