आगरा में खौफनाक हादसा: चंबल नदी में मगरमच्छ 60 वर्षीय महिला को खींच ले गया, 4 घंटे बाद मिला शव, गांव में पसरा मातम

Jagannath Prasad
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खेड़ा राठौर के भगवानपुरा गांव में चार घंटे के बाद चंबल से निकाला गया शिरोमणि का शव। चंबल घाट पर जुटी भीड़ और सर्च ऑपरेशन में लगे गोताखोर।

आगरा: आगरा के खेड़ा राठौर थाना क्षेत्र के भगवानपुरा गांव में शनिवार को दिल दहला देने वाली घटना घटी। पशुओं को पानी पिलाने चंबल नदी गई जिस 60 वर्षीय महिला शिरोमणि को मगरमच्छ पानी में खींच ले गया था, उसका शव बरामद कर लिया गया है। गोताखोरों ने चार घंटे के अथक प्रयासों के बाद शिरोमणि को तो तलाश लिया, लेकिन तब तक उसके प्राण पखेरू उड़ चुके थे। हालांकि, गनीमत रही कि मगरमच्छ इस महिला को अपना निवाला नहीं बना पाया।

मगरमच्छ का हमला और ग्रामीणों की चीख-पुकार

शिरोमणि पशुओं को पानी पिलाते समय जब नदी के पास खड़ी थीं, तभी अचानक एक मगरमच्छ ने झपट्टा मारा और उन्हें खींचकर चंबल की गहराइयों में ले गया। देखते ही देखते शिरोमणि आँखों से ओझल हो गईं।

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साथ में मौजूद अन्य महिला चरवाहों की चीख-पुकार सुनकर गांव से ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुँचे और नदी में उतरकर सर्च शुरू कर दी। गांव के प्रधान बच्छराज सिंह ने तुरंत पुलिस और वन विभाग को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।

चार घंटे की मशक्कत के बाद मिला शव, शरीर पर गहरे घाव

वन विभाग और पुलिस की निगरानी में गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से चंबल नदी में जाल डालकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। करीब चार घंटे बाद, चंबल की गहराई से महिला का शव बाहर निकाला गया। मगरमच्छ के हमले से महिला के शरीर पर गहरे घाव मिले हैं, जो यह बताते हैं कि मगरमच्छ ने उन पर घातक प्रहार किया था। शव को देखकर वहाँ मौजूद हर आँख नम हो गई। माना जा रहा है कि तमाम गोताखोरों के नदी में उतरने की वजह से ही मगरमच्छ शिरोमणि को निवाला नहीं बना पाया।

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गांव में मातम और पुलिस-वन विभाग की कार्रवाई

शिरोमणि की मौत से भगवानपुरा गांव में शोक की लहर फैल गई है। परिजन बेसुध हैं और बार-बार यही कह रहे हैं कि वो तो सिर्फ जानवरों को पानी पिलाने गई थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और वन विभाग ने चंबल नदी में मगरमच्छों की गतिविधियों की निगरानी बढ़ा दी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

 

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