आगरा में साइबर ठगी का खुलासा: भाजपा नेता और अधिवक्ता बने ठगी का शिकार! #agranews

BRAJESH KUMAR GAUTAM
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आगरा । आधुनिक तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराध आज सबसे बड़ी चुनौती बन गए हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार अब शिक्षित लोग भी हो रहे हैं। साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीके अपनाकर लोगों की मेहनत की कमाई को लूटने में सफल हो रहे हैं। पुलिस के सामने ऐसे कई मामले आते हैं, लेकिन जो मामले दर्ज नहीं होते, उनकी संख्या कहीं अधिक है। हाल ही मेंकई लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जिनका सामना साइबर ठगों से हुआ।

आगरा में एक महिला शिक्षिका की मौत और एक अन्य शिक्षिका के खाते से साइबर ठगों द्वारा दो लाख रुपये की ठगी के मामलों के बाद कई ऐसे लोग सामने आए हैं, जो ठगों से संपर्क में आए लेकिन भाग्यवश शिकार बनने से बच गए। ताजा मामला भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और एक वरिष्ठ अधिवक्ता से जुड़ा है।

भाजपा नेता अशोक पांडेय उन भाग्यशाली लोगों में से हैं, जो साइबर ठगों का शिकार होने से बचे। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में उन्हें तीन बार साइबर ठगों ने निशाना बनाया। पहले बार, ठग ने खुद को एसबीआई के अधिकारी बताते हुए कहा कि उनका एटीएम कार्ड ब्लॉक हो गया है और उन्हें कार्ड का नंबर बताने के लिए कहा। लेकिन उनकी पुत्रवधु की समझदारी से उन्होंने ठगी का शिकार होने से बच गए।

छह महीने पहले, उन्हें एक वीडियो कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाला पुलिस की वर्दी में था। उसने कहा कि उनके बेटे को पकड़ लिया गया है। लेकिन अशोक पांडेय ने अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क कर मामले की सच्चाई जान ली और यह समझ गए कि यह एक ठगी है।

तीसरी बार, तीन सप्ताह पहले, फिर से एक वीडियो कॉल आई जिसमें ठग ने वही पुरानी बात दोहराई। लेकिन इस बार पांडेय ने ठग से पैसे भेजने की बात कही, जिससे ठग ने तुरंत कॉल काट दी।

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कुं. शैलराज सिंह को भी तीन बार पुलिस की वर्दी में कॉल कर ठगने का प्रयास किया गया। लेकिन वह भी समझ गए कि यह एक धोखाधड़ी है। उन्होंने ठग को बताया कि वह डीसीपी सिटी हैं, जिससे ठग ने फोन काट दिया।

इस प्रकार, आगरा में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और पुलिस को इन मामलों पर गंभीरता से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। लोगों को भी सतर्क रहना होगा और ऐसे मामलों में तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए।

 

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