पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में 535 करोड़ की अनियमितता के आरोप, जांच की मांग

Sumit Garg
3 Min Read

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण एक महत्वपूर्ण परियोजना है, लेकिन हाल ही में इस परियोजना में 535 करोड़ रुपये की अनियमितता के आरोप सामने आए हैं। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले की जांच की मांग की है और प्रधानमंत्री एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी है।

आरोपों का ब्योरा

अमिताभ ठाकुर के अनुसार, उन्हें विश्वस्त सूत्रों से कुछ ऑडिट रिपोर्ट मिली हैं, जिनमें यह कहा गया है कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में समय पूर्व बोनस भुगतान में अनियमितताएँ पाई गई हैं। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा समय पूर्व बोनस भुगतान के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत की सीमा निर्धारित की गई थी, लेकिन पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के मामले में यह राशि 6 प्रतिशत निर्धारित कर दी गई। इससे 6 ठेकेदारों को 104.10 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान हुआ है।

See also  आगरा: उटंगन और खारी नदियां जलविहीन, जल संचय संरचनाएं निष्प्रयोज्य, धूल नियंत्रण पर संकट

भुगतान की प्रक्रिया में गड़बड़ी

ऑडिट रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जहां यह भुगतान अंतिम पूर्णता प्रमाणपत्र के बाद किया जाना चाहिए था, वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के मामलों में अनंतिम पूर्णता प्रमाणपत्र के आधार पर ही भुगतान कर दिया गया। इससे 438.8 करोड़ रुपये की राजस्व की हानि हुई। कुल मिलाकर, समय पूर्व बोनस भुगतान में यह अनियमितता 535.5 करोड़ रुपये की राजस्व हानि का कारण बनी, जो एक गंभीर मुद्दा है।

जांच की मांग

अमिताभ ठाकुर ने इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में अधिक किए गए भुगतान की वसूली भी की जानी चाहिए, ताकि सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।

See also  झांसी: भटपुरा के फूलपुरा में किसानों ने रोड और बिजली की समस्या को लेकर खोला मोर्चा, आंदोलन की चेतावनी

यह मामला न केवल पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण में अनियमितताओं को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी हो सकती है। अगर इन आरोपों की जांच नहीं की गई, तो इससे जनता का विश्वास और अधिक कमजोर होगा।

अमिताभ ठाकुर की इस मांग के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार इस मामले पर कार्रवाई करेगी या इसे नजरअंदाज कर देगी। सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना हर नागरिक का अधिकार है, और इस मामले की जांच इसके लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

 

 

 

See also  एटा नगर पालिका के चुनाव में पड़े करीब 47 फीसदी वोट, आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा मतदान
Share This Article
Follow:
प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement