ईश्वर ही जानते हैं चाचा-भतीजा की यह एकता कितने दिन कायम रहेगी : मौर्य

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के पुनर्मिलन को लेकर सपा पर निशाना साधते हुए यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यादव परिवार सबसे अच्छी तरह जानता है कि यह एकता कितने दिन तक चलेगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके मौर्य ने दावा किया कि अब जनता ने वंशवादी राजनीति को खत्म करने का मन बना लिया है।

भाजपा उम्मीदवार रघुराज सिंह शाक्य के समर्थन में आयोजित जनसभा में मौर्य ने कहा लोगों में मुलायम सिंह यादव के लिए सहानुभूति है लेकिन वे उपचुनाव में सपा को वोट नहीं देंगे। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पांच दिसंबर को होने वाले मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए सपा ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को टिकट दिया है।

See also  सरकारी आवास में तीसरी मंजिल पर मिला बच्चे का शव, जांच में जुटी पुलिस

यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा लगता है कि चुनाव के बाद यादव परिवार एकजुट रहेगा मौर्य ने कहा यह उनका मामला है। चाचा-भतीजा (शिवपाल और अखिलेश) जिनके बीच 2016 में आपसी विवाद के बाद लंबे समय से अच्छे संबंध नहीं थे एक बार फिर से एक साथ आए हैं और डिंपल की जीत को मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि बताते हुए सीट बरकरार रखने की कोशिश में लगे हैं।

मैनपुरी सपा की विरासत नहीं कोरोना संकट के दिनों में अखिलेश ने कभी यहां झांककर नहीं देखा : योगी

शिवपाल की सुरक्षा हटाना आपत्तिजनक-अखिलेश

डिंपल गोल करने जा रही हैं बीजेपी प्रत्याशी मैच से बाहर हो चुके हैं-शिवपाल

See also  उपचुनावों को देखते हुए मंत्रियों के दायित्वों में किया गया बदलाव

महाकुंभ 2025 में पूर्ण सुरक्षा देने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करेगी

2016 में अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उस समय राज्य सरकार के मंत्री शिवपाल सिंह यादव को बर्खास्त कर दिया था। तब चाचा और भतीजे के बीच रिश्ते खराब हो गए थे। 2017 में जब अखिलेश यादव सपा के अध्यक्ष बने तब शिवपाल पार्टी से अलग हो गए।

शिवपाल सिंह यादव ने 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया। हालांकि दोनों ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले हाथ मिलाया था लेकिन उसके बाद उनके रिश्ते फिर से खराब हो गए। जब से शिवपाल सिंह यादव ने सपा से नाता तोड़ा है ऐसी अफवाहें थीं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने हर बार इसका खंडन किया लेकिन भाजपा सरकार द्वारा उनकी पार्टी के लिए एक बंगले के आवंटन ने अटकलों को हवा दी थी।

See also  केंद्र शीघ्र गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकता है

See also  वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, छह महिलाएं बेहोश
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.