आगरा में वकीलों का प्रदर्शन जारी: ‘डौकी थाना प्रभारी को सस्पेंड करो’ की मांग पर अड़े अधिवक्ता

MD Khan
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पांचवें दिन भी दीवानी परिसर में धरना, पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी; एसीपी लोहामंडी का प्रयास विफल

आगरा, उत्तर प्रदेश: आगरा में अधिवक्ताओं का आंदोलन डौकी थाना प्रभारी (Dauki Thana Prabhari) और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लगातार पांचवें दिन भी जारी रहा। बुधवार को सिविल कोर्ट के गेट नंबर दो पर वकीलों (Advocate) ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। यह धरना अधिवक्ता कुलदीप राजपूत (Kuldeep Rajput) के घर में घुसकर उनके और उनके परिवार के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में किया जा रहा है।

धरना और प्रदर्शन: ‘दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो’

बुधवार सुबह करीब 11 बजे, अधिवक्ताओं ने सिविल कोर्ट परिसर में एक जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने ‘डौकी थानाध्यक्ष को सस्पेंड करो’ और ‘दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के बाद, सभी अधिवक्ता गेट नंबर दो पर धरने पर बैठ गए। धरने को संबोधित करते हुए, कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी मांग दोहराई कि जब तक दोषी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात था, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

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एसीपी लोहामंडी का प्रयास विफल

दोपहर में, पुलिस आयुक्त के निर्देश पर एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी अधिवक्ताओं से बात करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने वकीलों से धरना समाप्त करने की अपील की और बताया कि पुलिस और अधिवक्ताओं के बीच विवादों को सुलझाने के लिए एक समन्वय कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने इस कमेटी से संबंधित एक दस्तावेज़ भी उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक मनीष सिंह एडवोकेट (Manish Singh Advocate) को सौंपा।

हालांकि, अधिवक्ताओं ने एसीपी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जब तक डौकी थाना प्रभारी को हटाया नहीं जाएगा, तब तक कोई भी बातचीत संभव नहीं होगी। अधिवक्ताओं के कड़े रुख को देखते हुए, एसीपी मयंक तिवारी ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह इस मांग को पुलिस कमिश्नर के सामने रखेंगे और जल्द ही इसका समाधान करवाएंगे।

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वकीलों की अन्य मांगें

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, अधिवक्ताओं ने प्रदेश में वकीलों के खिलाफ बढ़ती घटनाओं की कड़ी निंदा भी की। उन्होंने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) को तत्काल लागू करने की मांग भी उठाई। उनका मानना है कि यह कानून वकीलों को कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करेगा।

धरने में प्रमुख अधिवक्ताओं की उपस्थिति

इस विरोध प्रदर्शन में वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र लाखन (Surendra Lakhan), चौधरी हरदयाल सिंह (Chaudhary Hardayal Singh), अशोक परमार (Ashok Parmar), मनीष सिंह (Manish Singh), मुकेश शर्मा (Mukesh Sharma), अनूप शर्मा (Anup Sharma), आधार कुमार शर्मा (Aadhar Kumar Sharma), और राजकुमार दीक्षित (Rajkumar Dixit) सहित कई अन्य प्रमुख अधिवक्ता मौजूद रहे। धरने का संचालन सचिव मुकेश शर्मा और प्रवक्ता आधार कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से किया।

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