केवट संवाद का वर्णन, भक्त हुए भाव विभोर

Jagannath Prasad
3 Min Read

आगरा (बरहन) । कस्बा बरहन, आंवलखेड़ा मार्ग स्थित एक फार्म हाउस में शनिवार को षष्ठम दिवस पर केवट संवाद का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री राम कथा वाचक उमाशंकर पचौरी ने कथा का बृहत वर्णन किया, जिसमें भक्त भाव विभोर हो गए।

कथा के दौरान, केवट भगवान श्रीराम से संवाद करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा:
“छुअत सिला भइ नारि सुहाई, पाहन तें न काठ कठिनाई। तरनिउ मुनि घरिनी होई जाई, बाट परइ मोरि नाव उड़ाई।”

इस संवाद में केवट जी भगवान श्रीराम से निवेदन करते हैं कि जब आपके चरणों का स्पर्श होगा, तो मेरी नाव भी पत्थर की तरह सुंदर हो जाएगी। केवट की यह बात सुनकर सभी भक्तों ने उनकी भक्ति और समर्पण को महसूस किया।

See also  जीएम जलकल हाईकोर्ट में तलब: 11 मार्च को होगी सुनवाई

कथा में आगे बताया गया कि राम, लक्ष्मण और सीता की वन गमन के समय केवट से भेंट होती है। निषादराज, अपने सहपाठी राम को देखकर पहले दुखी होते हैं, लेकिन फिर आनंदित हो जाते हैं। वे प्रभु श्रीराम का आदर करते हुए उन्हें बस्ती में रुकने का आग्रह करते हैं, लेकिन श्रीराम अपने पिता के वचनों के कारण मना कर देते हैं।

अगले दिन, निषादराज राम, लक्ष्मण और सीता को गंगा की ओर ले जाते हैं। गंगा पार करने के लिए राम केवट से मदद मांगते हैं, लेकिन केवट यह कहते हैं कि वे राम के चरणों का स्पर्श अपनी नाव पर नहीं चाहते। केवट श्रीराम के चरण धोकर उन्हें नाव में बैठाने की शर्त रखते हैं और फिर राम, लक्ष्मण और सीता को गंगा पार कराते हैं।

See also  पूर्व विधायक और मीट निर्यातक जुल्फीकार अहमद भुट्टो के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने मारा छापा

कथा के समापन पर राम केवट को गंगा पार करने की मुद्रा के रूप में अपनी अंगूठी देते हैं, लेकिन केवट इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हैं। वे कहते हैं, “जब मैं आपके घाट आऊं तो आप मुझे भवसागर से पार लग देना।” केवट की इस विनम्रता और भक्ति ने सभी भक्तों का दिल जीत लिया।

संवाद को सुनकर भक्तों ने प्रभु राम के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया। इस दौरान कई भक्तों की उपस्थिति रही, जिसमें परीक्षित डॉ. महेश कुशवाहा, कुमकुम देवी, यज्ञ पति राधे लाल गंगा श्री, बाबू लाल कुशवाह, हुकुम सिंह चाहर, शिवेंद्र कुशवाह, और अन्य प्रमुख लोग शामिल थे।

See also  घरों में चोरी करने वाले अभियुक्तों को अंकुर विहार पुलिस ने धर दबोचा

इस प्रकार, केवट संवाद के इस विशेष आयोजन ने भक्तों के मन में श्रीराम के प्रति भक्ति और श्रद्धा को और अधिक बढ़ा दिया।

See also  छोटे झोलाछापों पर कार्रवाई का ढिंढोरा, कुख्यात झोलाछाप को लगातार मिल रहा अभयदान
Share This Article
Leave a comment