हथियारों के बल पर अवैध कब्जे के लिए बोला धावा
सर्राफा दुकानों के किरायेदारों से जमकर मारपीट, सीसीटीवी कैमरे तोड़े
आगरा (फतेहपुर सीकरी)। थाना फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में अपराधों का ग्राफ थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय पुलिस की कथित मिलीभगत से अपराधियों और दबंगों के हौसले बुलंद हैं। पीड़ितों द्वारा थाने में शिकायत देने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही। उच्चाधिकारियों की अनदेखी से थाना पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा।
बताया जाता है कि 22 मार्च और 30 मार्च को कस्बा फतेहपुर सीकरी की कलार गली में दबंगों ने जो दुस्साहस दिखाया, उसे देखकर कस्बावासी सहमे हुए हैं। पीड़ित सर्राफा व्यापारी रामअवतार जायसवाल पुत्र शिवनारायण जायसवाल के मुताबिक विजय कुमार निवासी कोसीकलां, मथुरा, कलार गली, फतेहपुर सीकरी स्थित दुकानों में काफी समय से किरायेदार हैं और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी उन्हीं के पास है। इन दुकानों पर न्यायालय में वाद विचाराधीन है, जिस पर न्यायालय द्वारा स्टे जारी किया गया है।स्टे के बावजूद दबंग शमीम खान, मोबिन पुत्रगण रज्जाक खान, जाहिरन पुत्र रज्जाक खान ने देवेंद्र पुत्र वीरेंद्र सिंह नौहवार एवं उसकी मां चंद्रा देवी के साथ मिलकर फर्जी बैनामा करा लिया। बैनामा होते ही 22 मार्च को दबंगों ने रामअवतार की दुकान पर धावा बोल दिया और उन्हें व उनके परिवार को दुकान खाली करने की धमकी दी। दुकान खाली न करने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
घटना के बाद रामअवतार ने थाने में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे बेखौफ दबंगों ने 30 मार्च को फिर हमला कर दिया। हथियारों से लैस होकर आए दर्जनों दबंगों ने दुकानों पर कब्जा करने का प्रयास किया। आते ही उन्होंने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। रामअवतार का पूरा परिवार डर के कारण दुकानों में बंद हो गया। दबंग वीरेंद्र नौहवार, रज्जाक, मोहसिम समेत अन्य लोगों ने जबरन कब्जे का प्रयास किया, लेकिन असफल रहने पर पड़ोसी दुकानदार के साथ भी मारपीट की। जब पड़ोसी दुकानदारों ने एकजुट होकर विरोध किया तो दबंग धमकी देकर भाग निकले।
पीड़ित ने थाने में दोबारा तहरीर दी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई। दो दिन बीत जाने के बावजूद थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
तहसील के सब-रजिस्ट्रार की भूमिका संदिग्ध
बताया जा रहा है कि न्यायालय द्वारा जारी स्टे की लिखित और मौखिक सूचना 20 मार्च को तहसील किरावली के सब-रजिस्ट्रार को दी गई थी। इसके बावजूद 22 मार्च को फर्जी बैनामा कर दिया गया। सब-रजिस्ट्रार द्वारा स्टे का संज्ञान न लेना उनकी भूमिका पर सवाल खड़ा कर रहा है।
फतेहपुर सीकरी में भूमाफियाओं का बढ़ता वर्चस्व
सूत्रों के अनुसार, जिन दबंगों पर दुकानों पर अवैध कब्जे के आरोप हैं, वे ठेका लेकर संपत्तियों पर अवैध कब्जा करवाने और खाली कराने का काम करते हैं। संबंधित विभागों और स्थानीय पुलिस की अनदेखी इनके कारनामों को बढ़ावा दे रही है।