- बम बम भोले के जयकारों से गूंजी कान्हा की नगरी श्री धाम वृंदावन
- दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने द्वापर युग के गोपेश्वर मंदिर में की पूजा अर्चना
कोमल सोलंकी
मथुरा। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर कान्हा की नगरी बम बम भोले की प्रतिध्वनि से अनुगुंजित रही। श्रद्धा व आस्था का सैलाब शिव मंदिरों में उमड़ पड़ा है। द्वापरयुगीन प्राचीन शिवालयों में शिव भक्तों का तांता लगा रहा। महाशिवरात्रि पर सुबह से ही भगवान श्रीकृष्ण की नगरी शिवमय नजर आयी। हर कोई भोलेनाथ का जलाभिषेक कर एक शिवालय से दूसरे शिवालय की परिक्रमा करता दिखायी दिया। भूतेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भोर से ही शुरू हो गयी है।
गंगाजी से कांवड लेकर आए कांवडि़यों ने शिवालयों में गाजे बाजे के साथ कांवड़ चढाईं। पैदल यात्रा कर आ रहे हजारों कावडि़ये भूतेश्वर महादेव मंदिर में गंगाजल चढ़ाकर पूजा अर्चना करने में जुटे हैं। शिवरात्रि के पर्व पर नव विवाहित वधु को जेगर चढाने कि प्रथा भी है अनेकों स्त्रियां अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान् शिव को प्रसन्न करने कि इच्छा से जेहर चढ़ा रही है। वृंदावन, गोकुल, महावन, गोवर्धन आदि स्थलों पर भी शिवालयों में भीड़ रही।
वृंदावन में श्रीमद् भागवत की कथा अनुसार शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में जब रासेश्वर कृष्ण असंख्य गोपियों के साथ महारास रचा रहे थे। तब भोलेनाथ ने रास दर्शन की इच्छा जाहिर की। तब गोपियों ने कहा कि बिना गोपी वेश धारण करे उन्हें यह दर्शन सुलभ नहीं होंगे। तब महाकाल ने नथादि समेत सोलह श्रृंगार धारण कर महारास लीला में प्रवेश किया।
इस पर श्री कृष्ण ने उन्हें गोपेश्वर नाम से सम्बोधित किया द्वापरयुगीन इस स्थान पर करीब साढ़े पांच हजार वर्ष पूर्व श्री कृष्ण के प्रपौत्र ब्रजनाथ जी ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। कालांतर में मंदिर का निर्माण दानदाताओं के सहयोग से होता रहा है। महाशिवरात्रि पर्व पर लगातार लाखों भक्तों ने महादेव का जलाभिषेक कर मनौती मांगी। दूरदराज के भक्त जहां कांवड़ लेकर जलाभिषेक करने आये वही स्थानीय शिवभक्त भी विधिवत पूजन अर्चन करते दिखाई दिये। पुलिस प्रशासन के साथ विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग व्यवस्थाओं को दुरुस्त करते दिखाई दिये।
महाशिवरात्रि पर निकली शिव बारात, जमकर नाचे भगवान शिव के गण
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान कृष्ण की नगरी शिवमय हो गई। भगवान कृष्ण की जन्मस्थली श्री कृष्ण जन्मस्थान से भगवान शिव की भव्य बारात निकाली गई। श्री कृष्ण जन्मस्थान से शुरू हुई शिव बारात में निकली झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। नंदी पर विराजमान भगवान भोलेनाथ का स्वरूप बेहद ही आकर्षक था। भोलेनाथ के गण नाचते हुए चल रहे थे। श्री कृष्ण जन्म स्थान से शुरू हुई शिव बारात डीग गेट,मंडी रामदास,चैक बाजार,स्वामी घाट,द्वारिकाधीश,होली गेट,भरतपुर गेट होते हुए वापस श्री कृष्ण जन्मस्थान पहुंची। भगवान शिव की बारात को स्वाभाविक रूप देते हुए कलाकारों की भेषभुसा इस तरह तैयार की गई कि देखने वाले रोमांचित हो गए। शिव बारात में बैंड, डीजे की मधुर ध्वनि अनोखी छटा बिखेर रहे थे। शिव बारात में मेरठ,फिरोजाबाद,कासगंज आदि से आए कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
फोटो-18 यूपीएच मथुरा 01
फोटो परिचय-शिवालयों में पूजा अर्चना करते शिव भक्त ।
फोटो-18 यूपीएच मथुरा 01ए, 01बी
फोटो परिचय-शिव बारात की झांकियां।