आगरा। जनपद में अनेकों ऐसे दिव्यांग मौजूद हैं जिन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सुविधा प्राप्त करने के लिए उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। दिव्यांगों को सुविधा मुहैया कराने का जिम्मा संभालने वाले दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग में पूरी तरह राजनीति हावी है। सत्ताधारियों के आगे विभागीय अधिकारी नतमस्तक हैं।
रिक्शों पर सम्मान के साथ लिखा गया कथित भाजपा नेता का नाम
बताया जाता है कि रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए फोटो ने विभागीय कार्यप्रणाली की कलई खोलकर रख दी। वायरल फोटो में दिव्यांगों को वितरित किए जाने वाले हाथ के रिक्शों का जखीरा दिख रहा है। कुछ रिक्शों में दिव्यांग रिक्शों पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। इन रिक्शों के पीछे जो लिखा था, बेहद ही हैरानी भरा था।
भाजपा के दिव्यांग प्रकोष्ठ के कथित जिला संयोजक देवेंद्र सविता का नाम पूरे सम्मान के साथ माननीय से संबोधित करते हुए ऊपर लिखा था। नीचे दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग आगरा दर्ज था। बड़ा सवाल आखिर यह है कि समस्त राजनीतिक दलों का अपना दायरा होता है।
सरकारी विभागों के लिए सिर्फ जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण होते हैं। किसी पार्टी का कोई भी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि से बढ़कर नहीं हो सकता। इसके बावजूद विभाग द्वारा देवेंद्र सविता के दवाब में उसका नाम अंकित कर दिया गया।
घोटाले के गंभीर आरोप में घिरा है देवेंद्र सविता
आपको बता दें कि आगरा में आसरा सेंटर का संचालक देवेंद्र सविता, दिव्यांग उपकरणों के घोटालों के आरोप में घिर चुका है। उसके सेंटर के खिलाफ शिकायत भी दर्ज हो चुकी है। शिकायत के बाद दिव्यांगों को दिए गए उपकरणों को वापिस लिया जा रहा है। देवेंद्र सविता के कारनामों पर सख्त रूख दिखाते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाह भी कड़े तेवर दिखा चुके हैं
विभागीय अधिकारी झाड़ने लगे पल्ला
इस मामले में दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी सिद्धांत शर्मा से वार्ता करने पर उन्होंने रिक्शों पर देवेंद्र सविता का नाम अंकित होने से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि देवेंद्र सविता का हमसे कोई ताल्लुक नहीं है। वह आसरा सेंटर का संचालक है, जो कि सीएसआर फंड के तहत केंद्र सरकार के अधीन है। सवाल अनुत्तरित है कि सिद्धांत शर्मा, जनपद में जिस विभाग में कार्यरत हैं, उसी विभाग के रिक्शों पर देवेंद्र सविता का नाम लिखा हुआ है।