Diwali 2024: दीपावली की तारीख पर विवाद गहराया, काशी विद्वत परिषद ने दी शास्त्रार्थ की चुनौती

Dharmender Singh Malik
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दीपावली की तारीख को लेकर विवाद गहराया है। काशी विद्वत परिषद ने दावा किया है कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं, कुछ अन्य विद्वानों का मानना है कि दीपावली एक नवंबर को मनाई जानी चाहिए।

वाराणसी: दीपावली की सही तारीख को लेकर विवाद गहरा गया है। काशी विद्वत परिषद ने दावा किया है कि दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। वहीं, कुछ अन्य विद्वानों का मानना है कि दीपावली एक नवंबर को मनाई जानी चाहिए। इस विवाद के बीच, काशी विद्वत परिषद ने उन सभी विद्वानों को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है जो दीपावली एक नवंबर को मनाने की वकालत कर रहे हैं।

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विवाद का कारण

काशी के गनेश्वर शास्त्री द्रविड़ और कुछ अन्य विद्वानों ने दावा किया है कि दीपावली एक नवंबर को मनाई जानी चाहिए। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में शास्त्रीय आधार भी दिए हैं। हालांकि, काशी विद्वत परिषद ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

काशी विद्वत परिषद की चुनौती

काशी विद्वत परिषद ने सभी विद्वानों को खुले मंच पर शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित किया है। परिषद का कहना है कि जो भी विद्वान यह दावा करता है कि दीपावली एक नवंबर को मनाई जानी चाहिए, वह 29 अक्टूबर को काशी विद्वत परिषद के साथ शास्त्रार्थ कर सकता है। यह शास्त्रार्थ ऑनलाइन या जूम मीटिंग के माध्यम से भी किया जा सकता है।

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शास्त्रार्थ का महत्व

यह शास्त्रार्थ दीपावली की सही तारीख को लेकर चल रहे विवाद का समाधान निकालने में मदद कर सकता है। यह दोनों पक्षों को अपने-अपने तर्क प्रस्तुत करने का मौका देगा और लोगों को सही जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा।

विद्वानों का समर्थन

काशी विद्वत परिषद के इस फैसले का कई अन्य विद्वानों और संतों ने समर्थन किया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुकतेश्वरानंद जी, शंकराचार्य स्वामी सदानंद जी और शंकराचार्य स्वामी निश्चिलानंद जी महाराज समेत अखाड़ा परिषद, संत समिति और राम भद्राचार्य जी ने भी काशी विद्वत परिषद के इस फैसले का समर्थन किया है।

गनेश्वर शास्त्री द्रविड़ का पक्ष

गनेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने काशी विद्वत परिषद से पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि पांच प्रमुख पंचांगों में से तीन ने एक नवंबर को दीपावली मनाने की पुष्टि की है।

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दीपावली की सही तारीख को लेकर चल रहा विवाद अभी भी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह शास्त्रार्थ किस तरह से समाप्त होता है और दीपावली की सही तारीख क्या होती है।

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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