दस्तावेज लेखक एसोसियेशन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, निबन्धन मित्र की भर्ती का प्रस्ताव वापस लेने की मांग

Pradeep Yadav
3 Min Read

 

अलीगंज/उत्तर प्रदेश: दस्तावेज लेखक एसोसियेशन के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निबन्धन मित्र की भर्ती के प्रस्ताव का विरोध करते हुए मुख्यमंत्री, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री और उपजिलाधिकारी अलीगंज को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि निबन्धन मित्र की भर्ती का प्रस्ताव तुरंत वापस लिया जाए।

दस्तावेज लेखकों ने बताया कि वे कई दशकों से निबन्धन विभाग के सहयोगी के रूप में कार्य कर रहे हैं और राजस्व संग्रह में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उनका कहना था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित 20,000 निबन्धन मित्रों की भर्ती का प्रस्ताव उनके मौलिक अधिकार, खासकर जीविकोपार्जन के अधिकार के खिलाफ है।

See also  Agra Breaking News : आगरा के ज़ोनल पार्क का नाम बदलेगा, अब होगा गीता गोविंद वाटिका

दस्तावेज लेखक एसोसियेशन का कहना था कि रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1908 की धारा 69 के तहत 1977 में उत्तर प्रदेश दस्तावेज लेखक अनुज्ञापन नियमावली बनाई गई थी, जिसके तहत दस्तावेज लेखकों को कार्य करने के लिए अनुज्ञप्ति दी जाती है। इस नियमावली के अनुसार दस्तावेज लेखक अपने परिवार का पालन-पोषण और जीविकोपार्जन करते आ रहे हैं।

एसोसियेशन ने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश दस्तावेज लेखक अनुज्ञापन नियमावली 1977 की धारा 3 के तहत दस्तावेज लेखकों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है, जिससे वे अक्सर निर्धारित दस्तावेजों को भी पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में अगर निबन्धन मित्रों की भर्ती की घोषणा के बाद इनको मिलने वाली सुविधाएं दस्तावेज लेखकों से छीन ली जाती हैं, तो उनका जीविकोपार्जन संकट में पड़ जाएगा और उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा।

See also  पिनाहट के परिषदीय विद्यालयों में घोटालों और अनियमितताओं पर डाल दिया पर्दा, दो सदस्यीय जांच कमेटी ने चार विद्यालयों के स्टाफ के खिलाफ की थी कड़ी कार्रवाई की संस्तुति

एसोसियेशन के सदस्य यह भी मानते हैं कि यह प्रस्ताव भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, जो कि जीविकोपार्जन के अधिकार को सुनिश्चित करता है, का उल्लंघन करता है। उनका कहना था कि इस भर्ती प्रस्ताव को लेकर प्रदेश सरकार की घोषणा उनके मौलिक अधिकारों का हनन है और इसे वापस लिया जाना चाहिए।

ज्ञापन में प्रमुख रूप से राजेश्वर सिंह, सुनील सक्सेना, अरविन्द गुप्ता, आलोक सक्सेना, हिरदेश तिवारी, मनोज कुमार, अमित चौहान, अब्दुल शादाब, अनुराग गुप्ता, लविश राठौर, कुलदीप चौहान, अनूप सक्सेना, सुरेश कश्यप, पन्नालाल, महावीर सिंह और रामवीर सिंह पाल जैसे कई दस्तावेज लेखकों ने इस मांग का समर्थन किया।

See also  राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखने वाले राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का निधन

एसोसियेशन ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया, तो वे विरोध प्रदर्शन और अन्य कानूनी कदम उठाने को बाध्य होंगे।

 

 

 

See also  24 घंटे में दिनदहाड़े दो दुस्साहसिक वारदातों से सहमा मथुरा
Share This Article
Leave a comment