आगरा। पुलिस के तमाम किस्से सभी ने सुने ही होंगे लेकिन आगरा कमिश्नरेट पुलिस के इस कार्य की चारो तरफ चर्चा का विषय बन गया। जिससे दूसरे पुलिस कर्मियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। पुलिस ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसको सुन सब हैरत में है। जिसकी किसी ने कल्पना भी ना की होगी। आगरा के थाना एत्माद्दौला स्थित नूनीहाई के निवासी अजय तोमर के खिलाफ युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज कराया था जिसके चलते वह जेल की तलाखो के पीछे अपनी सजा काट रहा था। कुछ दिन पूर्व पुलिस के पास अजय तोमर के परिवार जन डीसीपी सिटी के पास पहुंचे और अजय के बेकसूर होने के साक्ष्य उनके सामने रखे।
वरिष्ठ उप निरीक्षक केपी सिंह ने मामले की बारीकी से छान बीन करना शुरू की तो मामले की सच्चाई जान कर वह भी दंग रह गए। पुलिस ने बताया कि जिस युवती ने मुकदमा दर्ज कराया, वह फिरोजाबाद की रहने वाली नहीं है। उसका नाम भी कुछ और है और आधारकार्ड भी फर्जी बनवाया गया था। युवतियों से पूंछतांच में कई खुलासे हुए, पता चला कि इन युवतियों द्वारा एक गैंग चलाई जा रही थी। वह ऐसे ही लोगों को अपने जाल में फसाते थे और पैसों की मांग करते थे। जिसमें कई लोग शामिल है। वरिष्ठ उप निरीक्षक केपी सिंह जैसे पुलिस कर्मी की वजह से एक बेगुनाह को इंसाफ मिल पाया और कसूरवारों को जेल का रास्ता देखने को मिला। वरिष्ठ उप निरीक्षक केपी सिंह जैसे पुलिस कर्मी द्वारा किए गए खुलासे से जो इस तरह के झूठे मुकदमों का फायदा उठा कर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसों की मांग कर फर्जी खेल रचते ही इस प्रकार के लोगों की भी पुलिस के द्वारा किए गए खुलासे से कमर टूटेगी। बताते चले कि यह वही केपी सिंह है जिन्होंने थाना बसई जगनेर में 2020 में अपनी तैनाती के दौरान खनन माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही कर खनन माफियाओं की रातों की नींद उड़ा दी थी, क्षेत्र में उन्होंने पुलिस का इकबाल बुलंद किया था। उनकी प्राथमिकता पत्रकारों और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के साथ आम नागरिकों को न्याय दिलाना है समाज में हो रहे अनैतिक कार्यों पर रोकथाम कर उनके विरुद्ध कार्यवाही करना है, अगर ऐसा ना होता तो इस प्रकार का खुलासा कतई संभव नहीं था।
बताते चले कि जैसे ही क्षेत्रीय लोगो को इस खुलासे की खबर लगी तो थाने में क्षेत्रीय लोगो का ताता लग गया और थाने पहुंच उनसे मुलाकात करने पहुंचे उनके कार्य की सहारना करने लगे और उनके द्वारा सम्मान भी किया गया, जिससे वह आगे भी इसी तरह से पूरी जाबाजी और ईमानदारी के साथ पुलिस विभाग में कार्य करते रहे। इस खुलासने ने पुलिस की इमानदारी और निष्पक्षता को साबित किया है और एक बेगुनाह को न्याय मिल पाया और अपराधी को सजा का सामना करना पड़ा। यह मामला समाज के लिए एक संदेश है इस मामले ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो झूठे मुकदमे दर्ज करवा कर पुलिस को गुमराह करते है। केपी सिंह जैसे पुलिस कर्मी की वजह से ही समाज में कानून का राज कायम रह सकता है,उन्हें उनके इस सहारनीय कार्य से अन्य पुलिस कर्मियों को प्रेरणा मिलेगी। आज पुलिस विभाग को केपी सिंह जैसे पुलिस कर्मियों की भी आवश्यकता है। अगर हर पुलिस कर्मी किसी भी मामले की इसी प्रकार जांच करे तो तस्वीर कुछ ओर ही होगी, पीड़ितों को इंसाफ मिल पाएगा।