एटा: नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एटा के मेट्रो हॉस्पिटल एंड आई सेंटर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय की टीम ने एक ऐसा चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया, जो मरीज और परिजनों के लिए एक नई उम्मीद बन गया।
मरीज की आंख में घुसा था बड़ा कांच का टुकड़ा
जनपद एटा के मिरहची गांव, नगला डुडियां निवासी अरविंद कुमार (43) की बाईं आंख में एक दुर्घटना के दौरान 15×3 सेमी का कांच का टुकड़ा घुस गया था। इस असाधारण स्थिति में मरीज को तत्काल इलाज की जरूरत थी।
कई अस्पतालों ने रेफर किया मरीज
परिजन पहले मरीज को अलीगढ़ के नेत्र चिकित्सक डॉ. पीके शर्मा के पास ले गए। वहां से मरीज को गांधी नेत्र चिकित्सालय, अलीगढ़ भेजा गया। लेकिन, जटिलता को देखते हुए गांधी नेत्र चिकित्सालय ने उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की चिकित्सा फैकल्टी रेफर कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां से भी मरीज को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली भेजने की सलाह दी गई।
एटा में डॉक्टरों ने संभाली जिम्मेदारी
परिजनों के लिए दिल्ली ले जाना संभव नहीं था। थक-हारकर वे मरीज को मेट्रो हॉस्पिटल एंड आई सेंटर, एटा वापस ले आए। यहां डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय ने मरीज की स्थिति का आकलन कर ऑपरेशन का निर्णय लिया।
चुनौतीपूर्ण शल्य चिकित्सा
मेट्रो हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि मरीज की आंख में काफी बड़ा कांच का टुकड़ा घुसा था, जो ऑपरेशन को बेहद जटिल बना रहा था। लेकिन, डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय ने कुशलता और अनुभव के साथ यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया।
परिजनों ने व्यक्त किया आभार
अरविंद कुमार के परिवार ने डॉक्टरों और अस्पताल की पूरी टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा, जब हर जगह से निराशा हाथ लगी, तब एटा के डॉक्टरों ने हमें नई उम्मीद दी।
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एटा: नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एटा के मेट्रो हॉस्पिटल एंड आई सेंटर ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय की टीम ने एक ऐसा चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया, जो मरीज और परिजनों के लिए एक नई उम्मीद बन गया।मरीज की आंख में घुसा था बड़ा कांच का टुकड़ाजनपद एटा के मिरहची गांव, नगला डुडियां निवासी अरविंद कुमार (43) की बाईं आंख में एक दुर्घटना के दौरान 15×3 सेमी का कांच का टुकड़ा घुस गया था। इस असाधारण स्थिति में मरीज को तत्काल इलाज की जरूरत थी।कई अस्पतालों ने रेफर किया मरीजपरिजन पहले मरीज को अलीगढ़ के नेत्र चिकित्सक डॉ. पीके शर्मा के पास ले गए। वहां से मरीज को गांधी नेत्र चिकित्सालय, अलीगढ़ भेजा गया। लेकिन, जटिलता को देखते हुए गांधी नेत्र चिकित्सालय ने उसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की चिकित्सा फैकल्टी रेफर कर दिया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां से भी मरीज को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली भेजने की सलाह दी गई।एटा में डॉक्टरों ने संभाली जिम्मेदारीपरिजनों के लिए दिल्ली ले जाना संभव नहीं था। थक-हारकर वे मरीज को मेट्रो हॉस्पिटल एंड आई सेंटर, एटा वापस ले आए। यहां डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय ने मरीज की स्थिति का आकलन कर ऑपरेशन का निर्णय लिया।चुनौतीपूर्ण शल्य चिकित्सामेट्रो हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि मरीज की आंख में काफी बड़ा कांच का टुकड़ा घुसा था, जो ऑपरेशन को बेहद जटिल बना रहा था। लेकिन, डॉ. हिमांशु उपाध्याय और डॉ. समुख उपाध्याय ने कुशलता और अनुभव के साथ यह ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया।परिजनों ने व्यक्त किया आभारअरविंद कुमार के परिवार ने डॉक्टरों और अस्पताल की पूरी टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा, जब हर जगह से निराशा हाथ लगी, तब एटा के डॉक्टरों ने हमें नई उम्मीद दी।