आगरा: आगरा में नाट्यकर्म संस्था द्वारा आयोजित दो दिवसीय नाट्य महोत्सव का भव्य समापन हुआ, जिसमें दर्शकों को थिएटर के बेहतरीन अनुभव का आनंद मिला। इस महोत्सव का शीर्षक ‘आईना’ था, जो महिलाओं के जीवन की समस्याओं और चुनौतियों पर आधारित था। महोत्सव के समापन पर अशोक सिंह लिखित नाटक ‘कोई एक रात’ का मंचन किया गया, जिसे यूथ हॉस्टल में उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा।
‘कोई एक रात’ ने किया समापन
नाटक ‘कोई एक रात’ दो महिला पात्रों के बीच ‘लव-हेट रिलेशनशिप’ पर आधारित था। नाटक में बेटी का किरदार मन्नू शर्मा और मां का किरदार श्रीमती स्वीटी अग्निहोत्री ने निभाया। यह नाटक एक मां-बेटी के रिश्ते के जटिल पहलुओं को उजागर करता है, जिसमें एक ओर प्यार और सम्मान है तो दूसरी ओर शिकायतें और अनबुझी तकरारें हैं। ‘कोई एक रात’ पहले ही कलकत्ते में कई बार मंचित हो चुका है और नाट्य समीक्षकों और दर्शकों द्वारा सराहा जा चुका है।
नाटक के कुछ अंश दर्शकों को खासे प्रभावित करते हैं, जैसे कि:
“तभी तो कुछ देता भी नहीं तुम्हारा थिएटर तुम्हें… बस का किराया तक नहीं। अगर मैंने भी तेरी तरह बेवकूफ़ियाँ की होतीं ना, तो आज मैं सड़क पे खड़ी होती, आने – जाने वाली गाड़ियों में झाँकती कि कहीं किसी बाबू को पसन्द आ जाऊँ।”
इस नाटक में मां और बेटी की जटिल भावनाओं और रिश्तों को बेहद सशक्त तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसने दर्शकों के दिलों को छू लिया।
नाटक का निर्देशन और सह निर्देशन
नाटक का निर्देशन मन्नू शर्मा ने किया, जिनकी बेहतरीन दिशा ने नाटक को और भी प्रभावशाली बना दिया। संगीत संचालन और सह निर्देशन का जिम्मा तुषार वर्मा और चंद्रशेखर ने संभाला। दोनों का समन्वय और कड़ी मेहनत नाटक की प्रस्तुति को और भी बेहतर बना गया, जिससे यह नाटक न केवल थिएटर प्रेमियों बल्कि सामान्य दर्शकों में भी विशेष ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा।
समारोह की शुरुआत और सम्मानित अतिथि
समापन समारोह की शुरुआत रोमी चौहान द्वारा प्रोफेसर प्रियम अंकित के स्वागत सम्मान से हुई। इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन नव्या ओम और डॉ. विजय शर्मा ने किया। महोत्सव में प्रमुख अतिथि और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें छाँव फाउंडेशन के निदेशक आशीष शुक्ल, अनिल शर्मा, रामभरत उपाध्याय, आशीष मोहन, युवा शक्ति संगठन से अरुण लवानिया, योगेश त्यागी, एस एस डब्ल्यू से अभिजीत सिंह, हिमेश वित्थरैया, वंदना तिवारी, शिवांगी दुबे, यथार्थ, विशाल रियाज और अन्य शहर के गणमान्य लोग शामिल थे।
महिला केंद्रित नाटक और सामाजिक संदेश
इस महोत्सव के दौरान प्रस्तुत नाटक ‘तलाश’ और ‘कोई एक रात’ महिलाओं के संघर्षों, उनके अधिकारों और उनकी सामाजिक स्थिति पर गहरा विचार प्रस्तुत करते हैं। ‘आईना’ के विषय में नाटक की पेशकश ने दर्शकों को महिलाओं की जीवन की जटिलताओं, उनके सपनों, उनके रिश्तों और उनके लिए समाज द्वारा तय की गई सीमाओं के बारे में सोचने पर मजबूर किया। ये नाटक समाज में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बने।
आखिरकार, एक सशक्त नाट्य महोत्सव
आगरा में इस प्रकार के नाट्य महोत्सवों का आयोजन न केवल कला के प्रति शहरवासियों की रुचि को बढ़ावा देता है, बल्कि यह समाज में गहरे मुद्दों और विचारों को उजागर करने का एक सशक्त माध्यम भी है। इन नाटकों के द्वारा सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव लाने के उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश की जा रही है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को सशक्त और जागरूक बनाया जा सके।