आगरा: शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार और निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ आज अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा! अभिभावक संघ के नेतृत्व में दर्जनों अभिभावकों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय, आगरा पर जोरदार प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को बुलंद करते हुए अभिभावकों ने प्रशासनिक अधिकारी (बेसिक शिक्षा) आनंद मोहन श्रीवास्तव को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण, निजी स्कूलों द्वारा की जा रही बेलगाम फीस वृद्धि, महंगी किताबों की अनिवार्यता, कक्षाओं में छात्रों की अत्यधिक भीड़ और शिक्षा की लगातार गिरती गुणवत्ता पर अपना कड़ा विरोध जताया। उन्होंने प्रशासन से तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि जब सरकार द्वारा एनसीईआरटी की पुस्तकें अनुशंसित की गई हैं, तो निजी स्कूल अभिभावकों पर महंगी और अनावश्यक किताबें खरीदने का दबाव क्यों डाल रहे हैं? इसके साथ ही, एक-एक कक्षा में 80 से अधिक छात्रों को बैठाकर किस प्रकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सकती है? यह शिक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति है!
अभिभावक संघ के संयोजक डॉ. मदन मोहन शर्मा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, “हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक प्रशासन इन दोषी स्कूलों पर ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं करता। शिक्षा का अधिकार केवल कागजी घोषणा बनकर नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे जमीनी स्तर पर साकार होते हुए दिखना चाहिए।”
सौंपे गए ज्ञापन में अभिभावकों ने शासनादेशों की खुलेआम अनदेखी, शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार आ रही गिरावट और निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों के किए जा रहे आर्थिक शोषण की विस्तृत जानकारी दी है। अभिभावकों ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ही कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई, तो इस आंदोलन को पूरे जिले में और अधिक व्यापक रूप दिया जाएगा, जिससे निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से पंडित नकुल सारस्वत, मोनिका नाज खान, अरुण श्रीवास्तव, विधायक शर्मा, मोहम्मद हाशिम, हृतिक सैनी, दीपक, शिवराज सिंह, सचिन और बड़ी संख्या में अन्य अभिभावक शामिल रहे, जिन्होंने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।