ताजनगरी आगरा के लोहामंडी जटपुरा क्षेत्र में इमली वाली मस्जिद से सन 1978 से ईद मिलादुन्नबी का जुलूस निकाला जा रहा है। यह जुलूस आगरा का सबसे प्राचीन जुलूस है। इस जुलूस को शुरू करने वाले मरहूम हाजी वा इमाम रियाज उद्दीन साहब थे।
परेशानियों का सामना करना पड़ा
इस जुलूस को शुरू करने में स्व इमाम रियाज उद्दीन साहब को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। पुलिस द्वारा दो-तीन बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी भी इस जुलूस को बंद नहीं किया। फिर कुछ समय बाद पुलिस का पूरा सहयोग मिलने लगा और पुलिस की निगरानी में काफी जोर शोर से जाश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया जाने लगा।
हर साल होता है धूमधाम से जुलूस
1978 से लेकर आज तक हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बहुत ही धूम धाम से पुलिस के सहयोग से जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस में एसीपी लोहा मंडी, लोहा मंडी कोतवाल साहब, थाना लोहा मंडी और चोकी इंचार्ज का पूरा समर्थन रहता है। यह जुलूस जटपुरा लोहा मंडी इमली वाली बड़ी मस्जिद होते हुए बेसन की बस्त, बलदेव गंज, लोहा मंडी चौराहे से थाना जगदीशपूरा होते हुए बोदला चौराहा होते हुए नबी करीमी पर इस जुलूस का समर्पण होता है।
लोगों में खुशी की लहर
इस जुलूस के निकलने से लोगों में खुशी की लहर है। लोग इस जुलूस में शामिल होकर अपने आराध्य नबी के जन्मदिन का जश्न मनाते हैं।