Etah News, एटा, उत्तर प्रदेश: एटा जनपद के थाना मिरहची क्षेत्र के ग्राम आलमपुर में एक 12 वर्षीय बच्चे की निर्मम हत्या के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। 14 मई की सुबह शौच के लिए बाग में गए अनुज पुत्र सुनील की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई, जबकि उसके साथ गए दो अन्य साथी घायल हो गए। इस जघन्य वारदात के बाद से गांव में सनसनी फैल गई है और परिजनों व ग्रामीणों में गहरा आक्रोश व्याप्त है। परिजनों ने 26 घंटे तक बच्चे का शव घर पर रखकर मुआवजा और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
शौच के लिए गए बच्चे पर हमला, दो साथी घायल
यह दर्दनाक घटना 14 मई की सुबह की है। अनुज अपने दो अन्य साथियों के साथ प्रातः शौच के लिए गांव के बाग में गया था। तभी किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन तीनों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में अनुज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसके दोनों साथियों को गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। घटना के बाद गांव में शोक और गम का माहौल है, और ग्रामीण आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
26 घंटे तक शव रखकर किया प्रदर्शन, प्रशासन ने दिया आश्वासन
हत्या के बाद परिजनों ने पुलिस एवं प्रशासनिक कार्रवाई से असंतुष्ट होकर बच्चे का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने 26 घंटे से भी अधिक समय तक अनुज का शव अपने घर पर रखकर प्रदर्शन किया। परिजनों की मुख्य मांगें थीं: अज्ञात के बजाय नामजद मुकदमा दर्ज किया जाए, हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, और प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता दी जाए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम सदर जगमोहन गुप्ता, सीओ सदर संजय कुमार एवं भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने आक्रोशित परिजनों को काफी समझा-बुझाया और न्याय तथा मुआवजे का आश्वासन दिया। प्रशासन के आश्वासन के बाद ही परिजन बच्चे का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए।
प्रधान पर कई मुकदमे दर्ज, ग्रामीण कर रहे मुआवजे और कार्यवाही की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने पहले ही ठोस कार्रवाई की होती तो शव को इतनी देर तक नहीं रखना पड़ता। क्षेत्राधिकार सदर ने परिजनों को घटना की नामजद रिपोर्ट लिखने तथा कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने का दावा कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।