जानकारी के अनुसार, रमेश की 14 वर्षीय पुत्री पिछले कुछ दिनों से बीमार थी। आर्थिक तंगी के कारण उसे स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर सुनील शाक्य के पास इलाज के लिए ले जाया गया। डॉक्टर ने बिना किसी विशेषज्ञता के बच्ची को इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। बच्ची को गंभीर हालत में छोड़ कर डॉक्टर फरार हो गया। परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैथरा लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज और दवाइयों के कारण उनकी बेटी की जान चली गई। परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि इस झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और इस प्रकार के अवैध क्लीनिकों को बंद किया जाए।
घटना के बाद इलाके में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक फैला हुआ है, जो बिना किसी योग्यता के इलाज कर रहे हैं। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे इलाज के लिए केवल सरकारी अस्पतालों या पंजीकृत डॉक्टरों के पास ही जाएं, ताकि ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सके।