समूह से लिया एक लाख रुपये का ऋण, अब हर माह कमा रहीं आठ हजार रुपये
एटा। विकास खंड जैथरा में महिला सशक्तिकरण का चेहरा बन चुकी लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक्ष कभी मामूली आमदनी में गुजारा करने वाली पूनम ने आज आत्मनिर्भरता की राह पर कदम बढ़ाते हुए खुद की जिंदगी संवारी, और आज अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन गईं हैं।
धुमरी निवासी पूनम ने समूह से 1 लाख रुपये का ऋण लेकर परचून की दुकान शुरू की थी। शुरू में आमदनी महज सात हजार रुपये थी, लेकिन धीरे-धीरे ग्राहकों की संख्या बढ़ी और अब हर माह आठ हजार रुपये की आमदनी हो रही है।
मेहनत, लगन और योजना बनीं सफलता की चाबी
पूनम बताती हैं कि शुरुआत में दुकान चलाना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। हर दिन ग्राहकों की पसंद और जरूरत को समझा और दुकान में उत्पादों की विविधता बढ़ाई। इसके साथ ही ग्राहक सेवा पर विशेष ध्यान दिया। परिणामस्वरूप, ग्राहकों की संख्या में लगातार इजाफा होता गया।
समूह से मिला आत्मबल
पूनम कहती हैं, अगर समूह का साथ न होता तो मैं शायद यह शुरुआत ही न कर पाती। ऋण के साथ-साथ सदस्यों ने लगातार मेरा मनोबल बढ़ाया। उन्होंने बताया कि महिला समूह ने उन्हें हौसला दिया, जिससे वह आज आत्मनिर्भर हैं।
भविष्य की तैयारी
पूनम अब अपने व्यवसाय को और बढ़ाने की तैयारी में हैं। वह दुकान में और नए उत्पाद शामिल करना चाहती हैं ताकि ग्राहकों को अधिक विकल्प मिल सकें। उनका सपना है कि दुकान का विस्तार कर एक मिनी मार्ट के रूप में विकसित किया जाए।
गांव की महिलाएं ले रहीं प्रेरणा
पूनम की सफलता को देखकर अब गांव की अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं। कई महिलाओं ने समूह से जुड़कर अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू करने की इच्छा जताई है। पूनम अब उन्हें मार्गदर्शन देने का काम भी कर रही हैं।