जैथरा (एटा)। कस्बा जैथरा के नेहरू नगर निवासी पप्पन मियां को आधार कार्ड बनाने में लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 18 साल पहले रुई की मशीन चलाते समय एक हादसे में उनके हाथ की दो उंगलियां कट गई थीं, जिसके कारण बायोमेट्रिक सत्यापन में समस्या आ रही है।
पप्पन मियां मेहनत-मजदूरी कर अपने पांच बच्चों का पेट पालते हैं। उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उनकी पत्नी रिक्शा चलाकर गृह खर्च में मदद करती हैं। इस स्थिति में आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पप्पन मियां ने बताया कि आधार कार्ड बनवाने के लिए उन्होंने कई बार प्रयास किया, लेकिन हर बार बायोमेट्रिक प्रक्रिया में अड़चनें आ जाती हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उनकी विकलांगता को देखते हुए उन्हें आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए। बिना आधार कार्ड के फैमिली आई डी (परिवार पहचान पत्र) भी नहीं बन पा रही, उनके परिवार को राशन, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
स्थानीय प्रशासन और आधार केंद्र के अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे पप्पन मियां की समस्या का समाधान कर उन्हें उनकी पहचान और अधिकार दिलाने में मदद करेंगे। यह मामला न केवल पप्पन मियां बल्कि ऐसे कई विकलांग व्यक्तियों की दुश्वारियों को उजागर करता है, जो तकनीकी अड़चनों के चलते मूलभूत सुविधाओं से वंचित है।