जैथरा (एटा)। कस्बा जैथरा में आयोजित ऐतिहासिक दंगल में पहलवानों के दांव-पेच देखने हजारों की संख्या में लोग उमड़े। श्री गांधी सार्वजनिक इंटर कॉलेज के मैदान में दिनभर चले मुकाबलों में पहलवानों ने अपनी ताकत और तकनीक का भरपूर प्रदर्शन किया।
फाइनल में हाथरस के नामी पहलवान रामेश्वर यादव और पंजाब के शमशेर (गुरदासपुर) आमने-सामने हुए। अखाड़े में दोनों के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। दोनों पहलवानों ने एक-दूसरे पर दांव आजमाए, लेकिन कोई भी विजयी नहीं हो सका। आखिरकार यह मुकाबला बराबरी पर छूट गया।
फाइनल विजेता के लिए 51 हजार रुपये का नकद इनाम रखा गया था। इस दौरान दर्शकों में खासा रोमांच देखने को मिला। अखाड़े में जुटी भीड़ ने पहलवानों का जमकर हौसला बढ़ाया और तालियों से स्वागत किया।
आयोजन समिति ने बताया कि दंगल में एटा, मैनपुरी, कासगंज, हाथरस, फर्रुखाबाद और पंजाब सहित कई जगहों के पहलवानों ने हिस्सा लिया। पारंपरिक अंदाज में हुए इस आयोजन को देखने के लिए गांव-गांव से लोग आए और देर शाम तक मेले जैसा माहौल बना रहा।
स्थानीय लोगों ने कहा कि जैथरा की यह दंगल परंपरा गांवों की पहचान और प्राचीन खेलों का प्रतीक है।
आयोजन समिति से नाखुश दिखे पहलवान
दंगल के रोमांच के बीच कुछ पहलवान असंतुष्ट भी नजर आए। फिरोजाबाद से आए पहलवान विक्रम की किसी से कुश्ती ही नहीं कराई गई। उन्हें बिना खेले ही लौटना पड़ा। हद तो तब हुई जब एक प्रमुख समाचार पत्र ने अशोक और विक्रम के बीच 21 हजार की कुश्ती का परिणाम छापते हुए विक्रम पहलवान को हराकर अशोक पहलवान को विजेता घोषित कर दिया। इससे विक्रम और उनके समर्थकों में नाराजगी देखी गई।