एटा (पवन चतुर्वेदी) जनपद एटा की तहसील अलीगंज के गांव दौलतपुर के चर्चित सरकारी तालाब अवैध कब्जा प्रकरण में तहसील प्रशासन, दबंग भूमियों से सरकारी तालाब भूमि गाटा सं०- 169 रकवा 1.068 है , खाली नहीं कर पा रहा है।
दिनांक 24/11/ 2023 को शिकायतकर्ता अवनीश कुमार पुत्र रामविलास ने गांव दौलतपुर निवासी प्रमोद यादव किशन लाल यादव पुत्र गण गब्बर सिंह , कृपाल यादव पुत्र सर्वेश , मनोज ,सनोज , अनोज,दिलीप पुत्रगण किशनलाल यादव के द्वारा सरकारी तालाब पर कब्जा कर तमीरात कराने की शिकायत उप जिलाधिकारी तहसील अलीगंज से की थी ।
शिकायत पत्र में उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ द्वारा जनहित याचिका संख्या 390/2022 नन्हेंलाल कनौजिया बनाम उत्तर प्रदेश सरकार आदि जो संपूर्ण प्रदेश के लिए है , में पारित आदेश अनुसार व अनुपालन में सरकारी तालाब की भूमि अवैध कब्जाधारीयों से तत्काल मुक्त कराई जाने व कब्जाधारियों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाने की बात भी कही थी ।
बावजूद इसके दो माह से अधिक का समय बीतने के बाद भी तहसील प्रशासन ने सरकारी तालाब पर कब्जा कर तमीरात करने वाले दबंगों के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की ।
सूत्रों के अनुसार सरकारी तालाब के इस चर्चित प्रकरण पर तहसील प्रशासन द्वारा कोई भी कार्रवाई न होना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है ।
महामहिम राज्यपाल के साथ धोखाधड़ी का भी है आरोप
शिकायतकर्ता अवनीश यादव ने उप जिलाधिकारी अलीगंज से दिनांक 7.11.2023 को शिकायती पत्र देते हुए शिकायत की थी । अवनीश ने जानकारी देते हुए बताया कि किशन लाल यादव व प्रमोद यादव व सुबोध यादव ने राजस्व अभिलेखों में हेरा फेरी कर खाता संख्या 159 के गाटा संख्या 46मि०/0.040 है० व गाटा संख्या 95/0.130 है० , जो के नवीन परती की जमीन है , में छल पूर्वक धोखाधड़ी कर अपना नाम अंकित कर लिया है और प्रमोद यादव ने अपना नाम दर्ज कराकर उसका प्रयोग ग्राम पंचायत में अपनी साख स्थापित करने की नीयत से माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को आदेश नायक तहसीलदार जैथरा के वाद सं० – 202118210505122/796/9.11.2022 से दान कर दिया जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 419 ,467, 464 ,471, 472 के तहत संज्ञेय, गैर जमानती व आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
ग्राम दौलतपुर में हुए सरकारी तालाब पर अवैध कब्जे की शिकायत एवं नवीन परती भूमि में छलपूर्वक अपना नाम दर्ज करा कर महामहिम राज्यपाल के साथ धोखाधड़ी करने की गंभीर शिकायत शिकायतकर्ता के द्वारा किए जाने के बावजूद अब तक किसी कार्रवाई का ना होना प्रशासनिक शिथिलता एवं अकर्मण्यता का स्पष्ट उदाहरण है।
बड़ा सवाल
सरकारी तलावों पर अवैध कब्जा हटाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद एवं दूसरा मामला महामहिम राजपाल से जुड़ा होने के बावजूद तथा उत्तर प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति होने के बावजूद भी अब तक तहसील प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही अमल में ना लाया जाना स्वयं में अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है , जिसका उत्तर सिर्फ और सिर्फ तहसील प्रशासन अलीगंज के पास है , अपना समय बताएगा की तहसील प्रशासन इस प्रश्न का क्या उत्तर देता है ।