नगर पंचायत जैथरा की करोड़ों रुपए की पेय जल योजना सवालों के घेरे में

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जैथरा,एटा: नगर पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से बनी जल आपूर्ति योजना पर सवालों के घेरे में आ गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतने बड़े बजट के बावजूद पानी की आपूर्ति के लिए बेहद पतले पाइपों का उपयोग किया गया है, जो योजना की सफलता पर गंभीर शंका खड़ी करता है।

बड़ी योजना, पतले पाइप

सरकार ने नगर पंचायत जैथरा में हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की थी। इसके तहत पाइपलाइन बिछाने, पंप हाउस और जल टंकी का निर्माण किया गया। योजना पर 1775.83 लाख रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है, लेकिन पानी के वितरण के लिए लगाए गए पतले पाइप पर्याप्त साबित नहीं हो रहे हैं।

स्थानीय निवासी अजय का कहना है, इतनी बड़ी योजना का क्या फायदा जब पानी का प्रेशर ही नहीं होगा ? दूसरी,तीसरी मंजिल के घरों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सकेगा।

समस्या की जड़

विशेषज्ञों के अनुसार, पतले पाइप से पानी का प्रवाह बहुत सीमित हो जाता है। यदि एक साथ कई इलाकों में पानी सप्लाई की जाती है, तो दूरस्थ इलाकों तक पानी पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, पाइपों की कम मोटाई के कारण पाइपलाइन में लीकेज की समस्या भी बढ़ जाती है।

जल आपूर्ति विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे क्षेत्रों में 18-24 इंच मोटे पाइपों का उपयोग करना चाहिए, ताकि हर घर तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच सके। योजना का सही क्रियान्वयन और नियमित निगरानी ही इसका समाधान है।

जनता का आक्रोश

इस स्थिति से नाराज स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत केवल योजनाओं के नाम पर फिजूल पैसा खर्च कर रही है, लेकिन इससे लोगों की जल आपूर्ति की समस्याएं जस की तस बनी रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सवाल उठता है:

क्या करोड़ों रुपये की यह योजना सिर्फ कागजों पर ही सफल है? अगर तकनीकी खामियां जल्द दूर नहीं की गईं, तो यह परियोजना भी उन योजनाओं में शुमार हो जाएगी, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गईं।

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जैथरा,एटा: नगर पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से बनी जल आपूर्ति योजना पर सवालों के घेरे में आ गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इतने बड़े बजट के बावजूद पानी की आपूर्ति के लिए बेहद पतले पाइपों का उपयोग किया गया है, जो योजना की सफलता पर गंभीर शंका खड़ी करता है।बड़ी योजना, पतले पाइपसरकार ने नगर पंचायत जैथरा में हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की थी। इसके तहत पाइपलाइन बिछाने, पंप हाउस और जल टंकी का निर्माण किया गया। योजना पर 1775.83 लाख रुपये खर्च होने की बात कही जा रही है, लेकिन पानी के वितरण के लिए लगाए गए पतले पाइप पर्याप्त साबित नहीं हो रहे हैं।स्थानीय निवासी अजय का कहना है, इतनी बड़ी योजना का क्या फायदा जब पानी का प्रेशर ही नहीं होगा ? दूसरी,तीसरी मंजिल के घरों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सकेगा।समस्या की जड़विशेषज्ञों के अनुसार, पतले पाइप से पानी का प्रवाह बहुत सीमित हो जाता है। यदि एक साथ कई इलाकों में पानी सप्लाई की जाती है, तो दूरस्थ इलाकों तक पानी पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, पाइपों की कम मोटाई के कारण पाइपलाइन में लीकेज की समस्या भी बढ़ जाती है।जल आपूर्ति विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे क्षेत्रों में 18-24 इंच मोटे पाइपों का उपयोग करना चाहिए, ताकि हर घर तक पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंच सके। योजना का सही क्रियान्वयन और नियमित निगरानी ही इसका समाधान है।जनता का आक्रोशइस स्थिति से नाराज स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पंचायत केवल योजनाओं के नाम पर फिजूल पैसा खर्च कर रही है, लेकिन इससे लोगों की जल आपूर्ति की समस्याएं जस की तस बनी रहने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।सवाल उठता है:क्या करोड़ों रुपये की यह योजना सिर्फ कागजों पर ही सफल है? अगर तकनीकी खामियां जल्द दूर नहीं की गईं, तो यह परियोजना भी उन योजनाओं में शुमार हो जाएगी, जो भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गईं।
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