आगरा। ट्रांस यमुना के आयुष विहार (कालिंदी विहार) में शुक्रवार को महिला के पहली मंजिल से गिरने के मामले में 3 दिन बाद पुलिस पर बड़ी कार्रवाई हुई है। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने चौकी प्रभारी राजकुमार गोस्वामी सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एसीपी एत्मादपुर की रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि पुलिसकर्मियों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया और जबरन घर में घुसने का प्रयास किया।
बिक्री विवाद बना तनाव की वजह
आयुष विहार निवासी प्रेमलता ने मकान का सौदा बबली देवी से किया था। बैनामा होने के बाद लेन-देन को लेकर विवाद गहरा गया। प्रेमलता का आरोप है कि बबली देवी पक्ष ने तय रकम नहीं दी, जिसके चलते उसने मकान का कब्जा नहीं छोड़ा। इस मामले में 24 जून 2024 को केस दर्ज हुआ था।
छत से फेंकने का आरोप, रीढ़ की हड्डी टूटी
घटना वाले दिन चौकी प्रभारी राजकुमार गोस्वामी, एसआई निखिल चौधरी, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार और सिपाही शैलेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। प्रेमलता घर पर नहीं थीं, उनके पति शिशुपाल और बहू नेहा मौजूद थीं। पुलिस ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो पुलिसकर्मी छत के रास्ते घर में दाखिल हुए।नेहा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने धक्का देकर उन्हें नीचे गिरा दिया। हादसे में नेहा की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई है और वह अस्पताल में भर्ती हैं।
पुलिस का तर्क – खुद गिरी महिला
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि जांच में छत से धक्का देने के आरोप सही नहीं पाए गए। वीडियो फुटेज में पुलिसकर्मी परिजनों से बाहर आकर बात करने की कोशिश करते दिखे हैं। दरवाजा नहीं खोलने पर पुलिसकर्मी छत पर चढ़े थे।
क्षेत्र में हंगामा, कार्रवाई की मांग
घटना के बाद क्षेत्रीय लोगों ने हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की। एसीपी एत्मादपुर देवेश सिंह ने पीड़ित परिवार और पुलिसकर्मियों के बयान लेकर जांच रिपोर्ट सौंपी, जिसके आधार पर चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई।
“न्याय की उम्मीद नहीं, दबाव बनाया जा रहा है”
प्रेमलता का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने जबरन घर में घुसकर तोड़फोड़ की और उनकी बहू को धक्का दिया। “अधिकारियों से गुहार लगाने पर भी सुनवाई नहीं हो रही। समझौते का दबाव बनाया जा रहा है,” उन्होंने कहा।