आगरा:किरावली में कृषि प्रसार केंद्र पर किसानों से हो रही जमकर धोखाधड़ी, निशुल्क सरसों किट की हो रही कालाबाजारी, क्षेत्रीय किसानों में पनपने लगा आक्रोश

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किरावली। किसानों के उत्थान एवं उनकी आमदनी बढ़ाने हेतु हमेशा सरकारें गंभीर रही हैं। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले, कृषि केंद्रों पर उन्हें सुलभता के साथ आवश्यक संसाधन प्राप्त हो, इसके लिए योजनाएं संचालित हो रही हैं। सरकार की किसानों के हित में कार्य करने की मंशा को सरकारी नुमाइंदे ही पलीता लगाने पर तुले हैं।

बताया जा रहा है कि तहसील किरावली क्षेत्र अंतर्गत कस्बा किरावली में स्थापित कृषि प्रसार केंद्र पर किसानों को मिलने वाले गेहूं के बीज विक्रय की आड़ में उनके साथ जमकर धोखाधड़ी हो रही है। क्षेत्रीय किसानों के अनुसार, गेहूं के बीज की निर्धारित दर से काफी अधिक ₹1010 की दर पर पैकेट का विक्रय हो रहा है। इसकी रसीद भी किसानों को नहीं सिंह रही है।इस पैकेट के साथ किसानों को निःशुल्क प्राप्त होने वाले सरसों की मिनी किट को किसानों को धनराशि लेकर विक्रय किया जा रहा है। किसानों के साथ धोखाधड़ी यहीं नहीं थम रही, केंद्र पर निर्धारित दरों की कोई भी सूची चस्पा नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, किसानों के अंगूठे पॉस मशीन पर लगवाकर उनको सरसों किट का सिर्फ एक या दो पैकेट थमाया जा रहा है। जबकि मशीन पर लगभग 5 पैकेट दर्ज किए जा रहे हैं। जो पैकेट अधिक अंकित हो रहे हैं, उनकी कालाबाजारी की आशंका प्रबल होने लगी है।

लाखों की धनराशि के घोटाले की होने लगी चर्चा

बताया जा रहा है कि केंद्र और तैनात गोदाम प्रभारी की मिलीभगत से पूरे खेल को अंजाम दिया जा रहा है। सामान्य गेहूं बीज की सूची एवं सरसों मिनी किट में जो किसान अंकित हैं, वह दोनों में समान हैं। किसानों को सरसों बीज का हवाला देकर मिनी किट को बेचने की चर्चा जोरों पर है। भोले भाले किसानों को बातों में फंसाकर उनके अंगूठे लगवाए जा रहे हैं, इसके बाद मशीन में क्या राज हो रहा है, खुद किसान को भी नहीं मालूम। क्षेत्रीय किसानों के मुताबिक गोदाम प्रभारी द्वारा उच्चाधिकारियों की कथित मिलीभगत से मोटा खेल किया गया है। इसकी गहराई से जांच होने पर पूरे खेल से परदा हटेगा।

जिला कृषि अधिकारी करने लगे टालमटोल

इस मामले में जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार से वार्ता करने पर उनका रवैया पूरी तरह टालमटोल वाला रहा। उनके द्वारा मौके ओर जाकर किसानों से स्थिति को समझने की जरूरत नहीं समझी गई। उनका कहना सिर्फ यह रहा कि उनके पास लिखित शिकायत आने पर ही वह जांच को आगे बढ़ाएंगे। उधर गोदाम प्रभारी भी अपनी दबंगई की हनक दिखाता रहा। कथित रूप से उसके द्वारा अपनी मनमानी को जायज ठहराने का भी प्रयास किया गया।

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